'अगर इस मामले में राहत दी गई तो यह होगा न्याय का मजाक', फरीदाबाद में कोर्ट ने दोषी को दी 20 साल कैद की सजा
फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2020 के एक मामले में बच्ची से गलत काम करने वाले दोषी शेरसिंह को 20 साल की सजा सुनाई। बच्ची के बयान को आधार मानते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने पीड़ित बच्ची को एक लाख रुपये प्रतिकर राशि देने का भी आदेश दिया और आर्थिक मदद की राशि बच्ची के खाते में ही डालने का निर्देश दिया।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की फास्ट ट्रैक कोर्ट में बच्ची से गलत काम करने वाले दोषी को 20 साल का कठोर कारावास और 60 हजार रुपये के दंड का फैसला सुनाया।
इसके साथ ही पीड़ित बच्ची को एक लाख रुपये प्रतिकर राशि दी गई। फैसले में जज ने कहा कि आर्थिक मदद की राशि बच्ची के खाते में ही डाली जाए। इसको माता-पिता के खाते में ट्रांसफर नहीं किया जाए क्योंकि बच्ची की मां कोर्ट में अपने बयान से मुकर गई।
ऐसे में उनकी विश्वसनीयता संदेहजनक है। वहीं, जब आरोपी पक्ष ने कोर्ट से कुछ राहत देने की मांग की तो न्यायाधीश ने कहा कि अगर इस मामले में राहत दी गई तो यह न्याय का मजाक होगा।
पल्ला थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति ने 31 अगस्त 2020 को पल्ला थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी नौ साल की बच्ची के अंडर गारमेंट में खून लगा हुआ था।
इसको लेकर उन्होंने बच्ची से खून के बारे में पूछा। जिस पर बच्ची ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद बच्ची के माता पिता उनको पास में स्थित डाक्टर के पास लेकर गए। डाॅक्टर ने दवाई देते हुए कहा बच्ची को महिला डाॅक्टर को दिखाने का सुझाव दिया।
फिर अभिभावक बच्ची को महिला डाॅक्टर के पास ले गए। महिला डाॅक्टर ने बताया कि बच्ची के साथ छेड़खानी हुई है। इस बारे में महिला डाॅक्टर ने बच्ची से पूछा तो उसने डरते हुए बताया कि पास में रहने वाले शेरसिंह अंकल ने उसके साथ गलत काम किया है।
दोनों माता-पिता दोषी के घर विरोध जताने गए तो उनके साथ मारपीट की गई। पल्ला थाना क्षेत्र ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी ऑटो ड्राइवर शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
मामले में मां और बच्ची दोनों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन मां ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपने बयान को बदल लिया। बच्ची अपने बयान पर कायम रही। जिसके आधार पर जज ने फैसला सुनाते हुए शेर सिंह को 20 साल की सजा और 60 हजार रुपये जुर्माना लगाया।
कोर्ट में आरोपी पक्ष की ओर से दलील दी कि उनको थोड़ी राहत दी जाए। क्योंकि दोषी घर में कमाने वाला इकलौता है। इस पर जज की ओर से कमेंट करते हुए कहा कि दोषी को राहत देना एक तरह से न्याय का मजाक होगा।
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