फरीदाबाद में नवरात्रि में मां ब्रह्मचारिणी की आराधना, मंदिरों में उमड़ी भीड़
फरीदाबाद में नवरात्रि के दूसरे दिन मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। तिकोना पार्क स्थित वैष्णो देवी मंदिर में विशेष आयोजन हुआ जहाँ महापौर प्रवीण बत्रा जोशी भी शामिल हुए। भक्तों ने भजन गाए माता की चौकी का आयोजन किया और व्रत रखकर मां जगदंबा की आराधना की।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। नवरात्र के दूसरे दिन मंगलवार को विभिन्न मंदिरों में मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। मंदिर भोर में ही खुल गए। मंदिरों में मां जगदंबा का जयकारा गूंज उठा, जिससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। 'मां तेरे दरबार में आए हैं', 'मां तेरी लाल चुनरी', 'बड़ा प्यारा सजाया है दरबार' जैसे भजनों का जोर-शोर से गायन हुआ।
कई जगह माता की चौकी का आयोजन किया गया और श्रद्धालुओं ने माता के दरबार की परिक्रमा कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कई श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मां जगदंबा की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने अपने घरों को भी सजाया और पूजा-अर्चना की। नवरात्र के दूसरे दिन तिकोना पार्क स्थित वैष्णो देवी मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित भव्य पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महापौर प्रवीण बत्रा जोशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। महापौर ने देवी के दरबार में शीश नवाया।
मंदिर में भोर से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था। मंदिर संस्थान के प्रधान सेवक जगदीश भाटिया ने महापौर को चुनरी और प्रसाद भेंट किया। भाजपा नेता कविंद्र चौधरी, रोहित भाटिया और आरके बत्रा मंदिर में उपस्थित थे। विनोद पांडे और अनीता शर्मा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सिद्धपीठ काली मंदिर नंबर 1 और एनआईटी स्थित जगदंबा मंदिर में भी रौनक रही। सेक्टर 16 स्थित फरीदाबाद कालीबाड़ी में निकुंज पंडित ने पूजा-अर्चना की। उन्होंने
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व बताया। महासचिव ए.के. पंडित के साथ भक्तों ने पूजा-अर्चना की। नवरात्रि में व्रत का बहुत महत्व है। मैं कई वर्षों से माता रानी का व्रत रख रही हूँ। व्रत करने से मन को शांति मिलती है।
- लक्ष्मी देवी।
परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं पूरे नवरात्र व्रत रखती हूँ।
- मीना देवी।
मैं पूरे नवरात्रि माँ जगदम्बा की पूजा करती हूँ। मेरा मानना है कि व्रत रखने से माता रानी का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति आती है।
- तुलसी प्रिया।
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