Yamuna Flood: फरीदाबाद में मुसीबत बनी यमुना नदी, जान-माल के खतरे की आशंका के बीच ससुर-दामाद लापता
फ़रीदाबाद में यमुना नदी में आई बाढ़ से लोगों की जान का खतरा बढ़ गया है। बसंतपुर शिव एन्क्लेव के एक ससुर और दामाद बुधवार को भोजन की तलाश में निकले थे लेकिन लापता हो गए। परिजनों को आशंका है वे बाढ़ में बह गए हैं। पुलिस तलाश कर रही है। वहीं कुछ लोग आपदा में भी मुनाफे की तलाश में मछली पकड़ने पहुंच गए जिन्हें तहसीलदार ने बाहर निकाला।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना में आई बाढ़ से अब माल के साथ साथ जान के नुकसान का भी भय सताने लगा है। बाढ़ से घिरे लोग खतरा मोल लेकर खाने की तलाश में निकल रहे हैं। इसी बीच बसंतपुर शिव एन्क्लेव में रहने वाले ससुर और दामाद भोजन की व्यवस्था के लिए घर से बुधवार को निकले थे। मगर उनका कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में उनके घरवालों का कहना है कि संभवत: वे दोनों बाढ़ में बह गये हैं। अब पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार को करीब 10 बजे बसंतपुर शिव एन्क्लेव में रहने वाले सागर अपने दामाद के साथ खाना लेने के लिए घर से करीबन एक किलोमीटर दूर पुश्ता रोड पर गए थे। करीब दो घंटे बीतने के बाद भी वह वापस नहीं लौटे।
इसके बाद स्वजन ने दोनों की तलाश शुरू कर दी। काफी खोजबीन करने के बाद भी जब दोनों नहीं मिले तो पल्ला थाना पुलिस को सूचना दी गई। स्वजन को अंदेशा कि दोनों बाढ़ में बह गए है। बसंतपुर शिव एन्क्लेव पूरी तरह से पानी से घिर गया है।
वहीं, पल्ला थाना प्रभारी सत्यप्रकाश ने बताया कि स्वजन की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। लेकिन स्पष्ट तौर पर अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि दोनों बह गए हैं। तलाश की जा रही है।
वहीं, एक ओर जहां जान-माल के नुकसान की आशंका प्रशासन से लेकर स्थानीय लोग बेचैन हैं। वहीं, कुछ लोग आपदा में भी मुनाफे की सोच रहे हैं। ऐसे ही मछली पकड़ने का व्यापार करने वाले लोग जान की परवाह न करते हुए बसंतपुर गांव के पास यमुना में पहुंच गए।
इसके बारे में फरीदाबाद के तहसीलदार यशवंत सिंह को किसी ने सूचना दी तो उन्होंने मौके पर जाकर यमुना से बाहर इन लोगों को निकाला।
यमुना में इस मौसम में सबसे ज्यादा आज उफान पर है। यमुना में फिलहाल ओखला बैराज से 244478 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। प्रशासन यमुना पर पूरी तरह से मुस्तैद है। ताकि कहीं पर भी किसी तरह की कोई अनहोनी घटना न घट जाए।
बाढ़ राहत शिविरों में ठहरे लोगों का कहना है कि उन्हें प्रशासन की तरफ से अभी तक समय पर भोजन और चाय पानी दी जा रही है। इस कार्य में स्वयं से भी संस्था भी प्रशासन की मदद कर रही हैं।
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