Faridabad Flood: यमुना में बाढ़ से हरियाणा-यूपी सीमा विवाद में फंसा मुआवजा, चांदपुर के किसानों की फसल बर्बाद
फरीदाबाद के चांदपुर गांव के किसान यमुना नदी में आई बाढ़ से परेशान हैं जिनकी 4600 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश के अधीन है। फसल बर्बाद होने के बाद उन्हें मुआवजे की उम्मीद नहीं है। किसान हरियाणा सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं पर यह जमीन उत्तर प्रदेश में आती है। सीमा विवाद के कारण किसानों को फसल कटाई के समय भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। बाढ़ की चपेट में आई यमुना नदी पार की जमीन के मालिक किसान दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं। इन किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है और अब मुआवजा मिलने की भी आस नहीं है।
दरअसल, चांदपुर गांव के किसानों की नदी पार करीब 4600 बीघा जमीन है। यह जमीन नोएडा, उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आती है। इसका राजस्व रिकाॅर्ड भी उत्तर प्रदेश सरकार के पास है। मगर खेती-बाड़ी चांदपुर गांव के किसान कर रहे हैं। अब इन किसान जिला उपायुक्त विक्रम सिंह से आग्रह करेंगे कि बाढ़ से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाया जाए।
चांदपुर गांव के सरपंच सूरजपाल भूरा ने बताया कि 1980-81 में हुए दीक्षित अवार्ड के तहत उनके गांव की करीब 4600 बीघा जमीन नोएडा जिले के अधीन आ गई थी लेकिन किसानों ने जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा है और खेती-बाड़ी कर रहे हैं। इस जमीन का रिकार्ड अपने जिले में भी है।
हरियाणा सरकार ने बाढ़ से बर्बाद हुई फसल के लिए मुआवजे की घोषणा की है। लेकिन यह सिर्फ उन किसानों को मिलेगा जिनकी जमीन प्रदेश में आती है। इसलिए चांदपुर गांव के किसान परेशान हैं। इसलिए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। बता दें कि दोनों प्रदेश की सीमा का विवाद अभी तक नहीं निपटा है। फसल कटाई के समय अक्सर विवाद हो जाता है। गोली तक चल जाती है।
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