Faridabad Air Pollution: समय से पूरा होता सड़क निर्माण तो नहीं बढ़ता प्रदूषण, 'सांसों के संकट' से लोग हो रहे परेशान
जिले के पर्यावरण को साफ रखने और जिलेवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के उद्देश्य से ग्रेप लागू हुआ है लेकिन अधिकारी प्रदूषण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। यदि अधिकारी गंभीर होते तो सड़क निर्माण समय से पूरा करना में ध्यान होता। इसके अलावा यदि सड़कों किनारे जमने वाली मिट्टी को नियमित रूप से उठाया जाता तो शायद जिले का एक्यूआइ लगातार नहीं बढ़ता।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जिले के पर्यावरण को साफ रखने और जिलेवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के उद्देश्य से ग्रेप लागू हुआ है, लेकिन अधिकारी प्रदूषण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। यदि अधिकारी गंभीर होते तो सड़क निर्माण समय से पूरा करना में ध्यान होता। इसके अलावा यदि सड़कों किनारे जमने वाली मिट्टी को नियमित रूप से उठाया जाता, तो शायद जिले का एक्यूआइ लगातार नहीं बढ़ता।
उल्लेखनीय है कि जिले की कई सड़कों को तोड़कर नए सिरे बनाने का काम काफी लंबे समय से चल रहा है। इसमें सेक्टर-15व 15ए की डिवाइडिंग रोड का काम करीब आठ महीने से चल रहा है। यदि अधिकारियों ने इस रोड समय से बनाने का प्रयास किया होता, तो आज सेक्टर में रहने वाले लोगों को धूल की वजह से परेशान नहीं होना था।
इसके अलावा देर सबेर सड़क का कुछ हिस्सा बन गया है और उसे वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया है, लेकिन संबंधित विभाग ने सड़क पर फैली मिट्टी को नहीं उठाया है। वाहनों के चलने से मिट्टी उड़ती है और पर्यावरण को दूषित करती है।
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बारीक धूल के कण सांस के साथ मानव शरीर में जाते हैं और लोगों को अस्थमा व एलर्जी जैसी गंभीर बीमारी का रोगी बनाती है। ग्रेटर फरीदाबाद, सीकरी-पियाला, डीग-पियाला, फतेहपुर से सदरपुर सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क बन रही है। यदि संबंधित विभाग ने सुध ली होती, तो औद्योगिक जिले को ग्रेप की कड़े नियम एवं शर्तों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती।
सड़क से नहीं उठती मिट्टी
फरीदाबाद एक औद्योगिक नगरी और जिले का विकास हो रहा है। इसके चलते जगह-जगह पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल मिट्टी विभिन्न स्थानों पर जमती है। घर, कार्यालयों की साफ-सफाई करके धूल को हटा दिया जाता है, लेकिन सड़कों के किनारों पर जमने वाली धूल को उठाने में नगर निगम के अधिकारियों की बिल्कुल भी रुचि नहीं है।
सड़कों पर जमा मिट्टी भी जिले के एक्यूआइ को बढ़ाने में जिम्मेदार है। इस सजीव उदाहरण हार्डवेयर चौक से बाटा आरओबी की ओर से जाने वाली सड़क है। सड़क के दोनों किनारों पर मिट्टी जमा रहती है।
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नहीं होता छिड़काव
जिले में प्रदूषण के बढ़ने एक प्रमुख कारण पानी का छिड़काव नहीं होना भी है। ग्रेप को लागू हुए 11 दिन हो गए हैं, लेकिन नगर निगम ने सड़कों पर छिड़काव नहीं शुरू करवाया है। पानी के छिड़काव से भी मिट्टी दब जाती है और वाहनों के चलने से उड़ती नहीं है। इसके अलावा भवन निर्माण सामग्री को भी नहीं ढका जाता है। हवा चलने पर भवन निर्माण सामग्री भी उड़ती है।
नगर निगम की गाड़ियां सड़क से मिट्टी उठाने का कार्य प्रतिदिन करती है। इसके अलावा जिलेवासियों को प्रदूषण से बचाने के लिए छिड़काव भी करवाया जा रहा है। विभिन्न स्थानों पर टैंकरों से छिड़काव होता है। यदि कहीं छिड़काव नहीं हो रहा तो संबंधित क्षेत्र के लोग अपनी समस्या को निगम अधिकारियों के सामने रख सकते हैं।
- गौरव अंतिल, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम

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