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    ESIC में गड़बड़झाला: मरीजों को करते थे पैनल के निजी अस्पतालों में रेफर, तीन अधिकारी निलंबित

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    फरीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल में अधिकारियों द्वारा मरीजों को निजी अस्पतालों में गलत तरीके से रेफर करने पर तीन निलंबित। आरोप है कि बिस्तर खाली होने पर भी रेफर किया गया जिससे व्यक्तिगत लाभ हुआ। नियमों का उल्लंघन हुआ जहाँ केवल विशेष स्तिथि में ही रेफर किया जा सकता है। दवाओं की खरीद में भी अनियमितताएं मिलीं। ईएसआईसी मुख्यालय मामले की जांच कर रहा है।

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    ईएसआइसी में गड़बड़झाला : मरीजों को करते थे पैनल के निजी अस्पतालों में रेफर, तीन अधिकारी निलंबित

    अनिल बेताब, फरीदाबाद। ईएसआइसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम)अस्पताल के कई अधिकारी और डाक्टर व्यक्तिगत लाभ के लिए मरीजों को पैनल के निजी अस्पतालों में रेफर किया करते थे। और ऐसा तब हुआ जब अस्पताल में बेड खाली होते थे। नियम के अनुसार जो सुविधाएं ईएसआइसी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।

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    या फिर अस्पताल में बिस्तर फुल हैं। उस स्थिति में किसी भी बीमारी से पीड़ित कोई मरीज आपातकालीन विभाग में आ जाता है तो उन्हें पैनल के निजी अस्पताल में रेफर किया जा सकता है। मगर हैरानी की बात है कि पिछले कुछ समय में आपातकालीन विभाग से आईसीयू में बिस्तर की उपलब्धता की स्थिति को जाने बिना ही कई मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर किया गया।

    ऐसे डाक्टर ईएसआइसी मुख्यालय की जांच के दायरे में आ गए और तीन अधिकारियों को इन मामलों में निलंबित कर दिया गया है। इनमें अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डा.ललिता आंनद, आपातकालीन विभाग के डा.विद्याभूषण और मेडिसन विभाग के प्रमुख डा.प्रवीण के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। अभी और कई डाक्टर और स्टोर से जुड़े कई कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।

    निलंबित किए गए अधिकारियों पर आरोप है कि अगस्त के पहले सप्ताह से ही ईएसआइसी, मुख्यालय की ओर से अस्पताल में कई तरह के गड़बड़झाले की जांच कर रही है। नौ अगस्त को दवाओं और उपकरणों की खरीद के मामले में अनियमितताएं पाई जाने पर तत्कालीन डीन डा.एके पांडेय और पांच फार्मासिस्टों को निलंबित किया जा चुका है। डा.एके पांडेय के निलंबन के बाद डा.कालीदास दत्तात्रेय चव्हाण ने डीन के रूप में कार्यभार संभाला।

    यह भी बता दें कि पिछले दिनों उच्च अधिकारियों के आदेश पर हुई जांच में स्टोर में भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं मिली थीं। इन दवाओं को स्टोर से हटा कर योगशाला में रखवाया गया है। कई कार्टून में भरी यह दवाएं अब तक योगशाला में ही हैं। अस्पताल में लापरवाही और गड़बड़ी सामने आने पर जांच से जड़े उच्च अधिकारियों ने बिलिंग का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है।

    अस्पताल के हर विभाग की जांच की जा रही है। जांच में ही यह पता चला कि पैनल के जिन निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया गया है। उनमें नियम का पालन नहीं किया गया है। नियम का उल्लंघन मिलने पर ही रेफर के मामले से जुड़े तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

    ईएसआइसी की ओर से होता है भुगतान

    जो सुविधाएं ईएसआइसी अस्पताल में नहीं हैं। उनके लिए कई निजी अस्पताल पैनल पर लिए गए हैं। निजी अस्पताल में मरीजों को जो इलाज दिया जाता है। ईएसआइसी की ओर से उसका भुगतान किया जाता है। आरोप है कि भुगतान के बाद जो डाक्टर रेफर करते हैं, उनको संबंधित अस्पतालों से कमीशन मिलता है।

    चल रही है मामले की जांच

    ईएसआइसी की ओर से अभी मामले की जांच चल रही है। ऐसे में गड़बड़ी के मामले में कई अधिकारी और कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। कार्रवाई से बचने को कई डाक्टरों ने राजनीतिक रसूख इस्तेमाल करने की कोशिश शुरू कर दी है।

    मैं इस मामले में कुछ नहीं कह सकता। मुख्यालय के उच्च अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। जांच में जो दोषी पाए जाएंगे, वह कार्रवाई के दायरे में आएंगे। - डीन डॉ. कालीदास दत्तात्रेय चव्हाण, ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज