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    Faridabad: स्वास्थ्य मंत्रालय में नियुक्त डॉक्टर की कार में घुसा ओवरलोड ट्रक, बाल-बाल बची तीन लोगों की जान

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 02:50 PM (IST)

    Faridabad News फरीदाबाद में एक ओवरलोडेड ट्रक ने स्वास्थ्य मंत्रालय में नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कार में टक्कर मार दी। हादसे में डॉक्टर और उनके दो बच्चे बाल-बाल बच गए। ट्रक में सीमेंट के खंभे लदे थे जो पीछे की ओर काफी बाहर निकले हुए थे। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है आगे की कार्रवाई जारी है।

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    ओवरलोड ट्रक ने मारी डॉक्टर की गाड़ी में टक्कर, बाल-बाल बचे तीनों।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। प्रशासन ओवरलोडिंग के प्रति अभियान चलाने के दावे तो खूब कर रहा है लेकिन हकीकत यह है कि आज भी सड़कों पर ऐसे वाहनों का बुरा हाल है। ट्रैक्टर-ट्राला में इतना सामान लदा होता है कि इसे संभालना मुश्किल हो जाता है। पीछे की ओर 10 से 12 फुट तक सामान निकला होता है। अन्य वाहन चालकों की जान आफत में आ जाती है।

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    ऐसे वाहनों के सड़कों पर चलने की कोई समय-सीमा नहीं होती। जबकि पुलिस की ओर से नो इंट्री का समय तय किया हुआ है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ ऐसा ही हादसा हुआ।

    करीब 30 फुट पीछे रुकी हुई अधिकारी की कार में खंभे जा घुसी 

    इनकी कार के आगे चल रहा सीमेंट के खंभों से लदा ट्राला ओवरलोड होने की वजह से संतुलन खो बैठा और बैक चलने लगा। करीब 30 फुट पीछे रुकी हुई अधिकारी की कार में खंभे घुस गए। शुक्र रहा कि समय रहते अधिकारी और उनके दो बच्चे संभल गए और नीचे की ओर झुक गए।

    वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इसकी शिकायत थाना सूरजकुंड में दी गई। पुलिस ने ट्राला चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। थाना सूरजकुंड में दयालबाग निवासी डा. नारायण प्रसाद ने दी शिकायत में बताया कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय में कार्यरत हैं।

    30 फुट तक पीछे लौटते हुए कार से जा टकराई

    फिलहाल एनएच-चार स्थित मंत्रालय के अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं। तीन अप्रैल को वह कार में बेटा-बेटी को स्कूल से लेकर घर लौट रहे थे। दयालबाग रोड पर रिलायंस फ्रेश के पास ट्रैक्टर-ट्राला जिस पर सीमेंट के 10 खंभे लदे थे। तेजी से ओवरटेक करते हुए शिवमंदिर की ओर चढ़ाई पर चल दिया।

    अत्यधिक लोड के कारण वह पीछे लौटने लगा। पीछे उनकी कार खड़ी हो गई थी। डर लग रहा था कि कहीं वह बैक न हो जाए। 30 फुट तक पीछे लौटते हुए वह उनकी कार से टकरा गया। ट्राला से बाहर की तरफ निकले सीमेंट के खंभों ने कार की विंडशील्ड, बोनट, डेशबोर्ड और केबिन को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया।

    इस घटना से वह और उनके बच्चे बाल-बाल बचे। उस समय चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी नहीं थी। ट्राले में पीछे की ओर काफी खंभे निकले हुए थे। इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर आकर ट्रैक्टर-ट्राला अपने साथ थाने ले गई।

    पांच घंटे बिठाए रखा थाने में, पुलिसकर्मी पीते रहे हुक्का

    डा. नारायण का आरोप है कि दोपहर साढ़े तीन बजे वह दयालबाग पुलिस चौकी में शिकायत देने पहुंच गए थे। रात आठ बजे तक उन्हें वहीं बिठाए रखा लेकिन मामला दर्ज नहीीं किया। इस दौरान ट्रैक्टर-ट्राला चालक की सिफारिश में बहुत लोग आए।

    नेताओं, पार्षद व अन्य अधिकारियों से जान-पहचान होने का हवाला देते हुए समझौता करने का दबाव बनाया गया। डॉक्टर का यह भी आरोप है कि पुलिस चौकी में ही आरोपित के साथी आकर पुलिसकर्मियों के साथ हुक्का पी रहे थे। ऐसा माहौल देखकर वह अपने घर आ गए। बाद में पुलिस ने मामला दर्ज किया।

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