Faridabad में चैंबर की बिल्डिंग से कूदकर वकील ने दी जान, सामने आई बड़ी वजह; जिला अदालत में करते थे प्रैक्टिस
फरीदाबाद में एक वकील ने चैंबर इमारत की चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी। वह जिला अदालत में प्रैक्टिस करते थे। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस की जांच में पता चला कि वे पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। फरीदाबाद में सेक्टर-12 कोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट चैंबर की चौथी मंजिल से कूदकर वकील ने जान दे दी। सूचना पर पहुंची सेंट्रल थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक वकील मच्छगर गांव निवासी जेपी धनखड़ थे। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस और साथी वकील मानसिक रूप से परेशान और शुगर के चलते तनाव में रहने की बात कह रहे हैं।
मृतक सेना से सेवानिवृत्त भी थे। सेवानिवृत्त होने के बाद करीब 27 साल से प्रैक्टिस कर रहे थे। घटना सुबह साढ़े 11 बजे की है। पुलिस जांच रही है। गांव मच्छगर निवासी जेपी धनखड़ बुधवार सुबह वह कोर्ट पहुंचे और चौथी मंजिल पर अपने चैंबर में जाने के बाद बाहर निकल गए। इसके बाद उन्होंने चौथी मंजिल की बालकनी की छलांग लगा दी। पीठ के बल गिरने के कारण उनके सिर और गर्दन में चोटें आयी। आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
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मामले की जांच कर रही पुलिस
सूचना पर सेंट्रल थाना प्रभारी सुनील कुमार मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने एंबुलेंस बुलाकर वकील को सेक्टर-आठ स्थित निजी अस्पताल के लिए भेजा। घायल वकील ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि ऊपरी मंजिल से छलांग लगाने से पहले उन्होंने घरवालों को फोन कर आत्महत्या करने की सूचना भी दी थी। जब तक परिवार के अन्य लोग कोर्ट पहुंचते, वह घटना को अनजाम दे चुके थे। उन्होंने बताया कि स्वजन के मुताबिक बीमारी की वजह से मृतक जेपी धनखड़ मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। आत्महत्या का स्पष्ट कारण परिवार के लोग भी नहीं बता पा रहे हैं।
बार एसोसिएशन ने किया वर्क सस्पेंड का फैसला
घटना को देखते हुए फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की आपात बैठक हुई। जिसमें प्रधान एडवोकेट राजेश बैसला ने वर्क सस्पेंड करने का निर्णय लिया। इसकी सूचना सभी कोर्ट को दी गई। बार प्रधान ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, जेपी धनखड़ शुगर से भी पीड़ित थे। कभी कभार की कोर्ट में आते जाते थे। उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया है। यह समझ से परे है।
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