चंद लालची युवाओं के चलते मेवात हो रहा बदनाम, साइबर क्राइम के बाद अब आतंकी गतिविधियों में आया नाम
मेवात कुछ लालची युवाओं के कारण बदनाम हो रहा है। पहले साइबर अपराध और अब आतंकी गतिविधियों में नाम आने से क्षेत्र की छवि धूमिल हुई है। चंद पैसों के लालच में युवा गलत रास्ते पर चल रहे हैं, जिससे पूरे मेवात को बदनामी झेलनी पड़ रही है और स्थानीय लोग चिंतित हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
मोहम्मद हारुन, नूंह। आजादी की लड़ाई में अपने युवाओं का बलिदान देने के मामले में आगे रहे मेवात का दामन अब आए दिन राष्ट्र विरोधी व आतंकी गतिविधियाें के चलते दागदार हो रहा है। टटलूबाजी, एटीएम लूट, चालकों से लूटपाट, गोतस्करी जैसी अनेक घटनाओं के चलते नूंह का मेवात क्षेत्र कुख्यात रहा है।
फिर देश में जामताड़ा के बाद साइबर अपराध का दूसरा बड़ा केंद्र बन गया। अब इसका नाम पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने के बाद सफेदपोश आतंकी को पनाह देने से जुडा है। एक मौलवी की गिरफ्तारी भी हो गई। ऐसे में क्षेत्र की साख में बट्टा लगा है।
जल्द अमीर बनने की ख्वाहिश ने भटकाया
मेवात जिले में पिछले कुछ वर्षों से टटलू बाजी (नकली सोने की ईट का असली बताकर ठगी करने) की घटनाएं खूब हुई। उसके बाद वाहन चोरी, चोरी किए वाहन कटवा कर बेच देने के मामले भी हुए। चालकों के साथ लूटपाट की घटनाएं भी हुई।
गोतस्करी के मामले में भी मेवात में पिछले काफी समय से होते रहें। गोतस्करी के कई सौ मामले आज भी अदालतों में चल रहें है। कभी दिल्ली , कभी उत्तर प्रदेश , राजस्थान व हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्रों से की गई गोतस्करी के चक्कर में आधा दर्जन तस्कर भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। गोतस्करी के चक्कर में जिले की काफी फजीहत तक हुई।
जामताड़ा के बाद साइबर ठगी का बना केंद्र
जिले में एक अपराध पर अंकुश लगता नहीं, वहीं दूसरा अपराध पनपने लगता है। टटलूबाजी कम हुई तो यहां के युवक साइबर ठगी की तरफ बढ़ने लगे है। जामताड़ा के बाद 2023 से मेवात के आपराधिक किस्म के युवा साइबर ठगी की ओर बढ़ गए। साइबर ठगी के दर्ज मामले इस बात की पृष्टि करते रहें हैं। पुलिस रिकाॅर्ड के अनुसार 2023 में साइबर ठगी के 71 मामले दर्ज हुए थे। अगले वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 148 हो गई और 2025 में अब तक यह संख्या 322 से भी ज्यादा हो चुकी है।
जासूसी के आरोप में पकड़े गए युवा
मई माह में राजाका गांव के अरमान तथा कांगरका गांव के तारीफ को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था। दोनों पर पाकिस्तान के उच्चायोग में अधिकारी दानिश व जफर को देश की सुरक्षा से संबंधित गोपनीय दस्तावेज तक दिए गए। जिनकी गिरफ्तारी मई में कई गई थी। जासूसी के आरोप में पकड़े गए दोनों आरोपित अभी भी जेल में हैं। इससे क्षेत्र का नाम ज्यादा बदनाम हुआ।
अब आतंकी को पनाह देने से जैश से जुड़ गया नाम
अल फलाह यूनिवर्सिटी के सफेदपोश आतंकी उमर, जिसने दिल्ली को दहलाने की साजिश रची, वह दस दिन तक नूंह में हिदायत कालाेनी में अफसाना नाम की महिला के घर किराये पर रहा। पुलिस सूत्रों के अनुसार उमर दस दिन तक विस्फोट करने की यहां योजना बनाता रहा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर की मस्जिद के इमाम इश्तियाक पर भी जैश के आतंकियों डाॅ. उमर और डाॅ. मुजम्मिल के साथ होने वाली बैठक में शामिल था। उस पर यही आरोप लगे हैं, तभी उसे गिरफ्तार किया गया।
इश्तियाक मूल रूप से नूंह के सिंगार गांव का रहने वाला है। इस तरह से मेवात का सीधा कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन जैश से जुड़ गया। ये सब घटनाएं किसी भी क्षेत्र विशेष की साख को बट्टा लगाने के लिए काफी हैं।
"यहां पर चना के साथ घुन भी पीस रहा है। कुछ युवा पैसे के लालच में गलत कदम उठा रहें हैं। हम सब इससे व्यथित हैं, चिंतित हैं। हमारा संगठन समय-समय पर बुराईयों से दूर रहने की हिदायतें देता रहता है।"
-दीन मोहम्मद, समाज सेवी
"साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ रही है। पैसे के लालच के चक्कर में गलत काम किए जा रहें हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।"
-खलील अहमद, समाज सेवी
"गलत काम करने के लिए कानून बनाया हुआ है। पुलिस मामलों में जांच करती है। जो लोग गलत कामों में संलिप्त पाए गए हैं, उन्हें सजा मिलती है। कानून किसी को भी गलत काम की इजाजत नहीं देता। लोगों को गलत काम छोड़कर शिक्षा व अच्छे काम की तरफ ध्यान देना चाहिए।"
-ताहिर हुसैन, वरिष्ठ वकील नूंह
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