फरीदाबाद में निजी अस्पतालों की लापरवाही उजागर, डॉक्टरों को नोटिस जारी
फरीदाबाद में निजी अस्पतालों द्वारा टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे रोगियों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से वे वंचित रह जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निरीक्षण कार्य तेज कर दिया है और उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। निक्षय पोर्टल पर डाटा अपलोड करने वाले डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद में नहर पार खेड़ी कलां, भारत कॉलोनी और एनआईटी की डबुआ कॉलोनी में कई निजी अस्पताल और डॉक्टर टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग के पास टीबी रोगियों का सही रिकॉर्ड नहीं पहुंच पाता है।
वहीं, टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हर महीने डाइट के लिए मिलने वाली हजार रुपये की राशि पाने से भी वंचित रह जाते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण कार्य तेज किया गया है। इसी कड़ी में हाल ही में जिला टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हरजिंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ खेड़ी कलां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और भारत कालाेनी में स्वास्थ्य केद्र जाकर जब मरीजों से बातचीत की तो पता चला कि सरकारी केंद्र में आने वाले मरीज पहले कई दिन तक निजी अस्पतालों मेें इलाज कराते रहे।
मगर इस दौरान स्वास्थ्य विभाग को इन मामलों की जानकारी नहीं मिल पाई। केंद्र के साफ निर्देश हैं कि मरीज कहीं भी इलाज कराए, मगर निजी अस्पताल प्रबंधन को उसके सभी टेस्ट करवाए जाने चाहिए। मरीज के पंजीकरण कराए जाने से स्वास्थ्य विभाग के पास पूरा रिकॉर्ड आ जाता है।
जिला टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हरजिंद्र सिंह ने सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश इिए हैं कि वह अपने यहां इलाज को आने वाले हर मरीज का ब्योरा तैयार करें। पहले कहां इलाज
चला। इसकी रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। डॉ. हरजिंद्र सिंह ने इस कार्य के लिए सुपरवाइजर सुभाष गहलोत की जिम्मेदारी लगाई है।
यह भी पढ़ें- जागरण-डिजीकवच अभियान: हरियाणा के फरीदाबाद में वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाएगा डिजिटल सेफ्टी का प्रशिक्षण
टीबी नियंत्रण अभियान में सभी छोटे-बड़े निजी अस्पतालों को सहयोग करना चाहिए। जो अस्पताल या डाक्टर केंद्र के निर्देशों की अनदेखी कर रहे है। उनके यहां नोटिस भिजवाए जा रहे हैं।
जो निजी डाक्टर निक्षय पोर्टल पर टीबी रोगी का डाटा अपलोड कर रहे हैं। उन्हें 500 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। निक्षय पोर्टल पर टीबी रोगी का डाटा अपलोड करते समय बैंक का खाता नंबर भी होता है। टीबी मुक्त अभियान के तहत ही रोगी के खाते में हर महीने हजार रुपए डाले जाते हैं। - डॉ. हरजिंद्र सिंह, जिला टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।