फरीदाबाद: RTI में 40 हजार रुपये मांगने का मामला, दैनिक जागरण की खबर के बाद अधिकारियों ने लिया यू-टर्न
फरीदाबाद में आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर 40 हजार रुपये की मांग का मामला सामने आया था। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने इस मामल ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सरकारी महकमे से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से भी सूचना लेना आसान नहीं रहा है। गड़बड़ी पकड़ी न जाए, इसलिए आरटीआई देने में अधिकारी टाल-मटोल कर देते हैं। कई बार आवेदनकर्ता को इतना परेशान किया जाता है कि वह चुप बैठ जाते हैं। पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया था।
दैनिक जागरण की खबर पढ़ लिया यूटर्न
दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता अजय सैनी ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी द्वारा कराए जा रहे कार्यों की सूचना मांगने पर उनसे 40 हजार से अधिक रुपये जमा कराने को कहा गया। यह बताया गया कि आपके द्वारा मांगी गई सूचना देने में फोटोकाॅपी अधिक होंगी।
दैनिक जागरण ने यह समाचार सात दिसंबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद अधिकारियों में हलचल मच गई। अब आवेदनकर्ता को दोबारा से पत्र जारी कर उन्हें कार्यालय बुलाया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि जो सूचना चाहिए, उसकी प्रति का ही भुगतान करना होगा।
दोबारा भेजे गए पत्र में 40 हजार रुपये का भुगतान करने का जिक्र नहीं है। खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों को अपनी गलती का भी अहसास हो गया और मामला आगे तूल न पकड़े, इसलिए यू टर्न ले लिया है।

एक कंपनी के काम की मांगी गई थी सूचना
अजय सैनी ने बताया कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर नवंबर में आरटीआई लगाई गई थी। इसमें कंपनी द्वारा कराए गए विकास कार्यों के शुरू व समाप्त होने की तारीख से लेकर राशि के बारे में पूछा था। खासकर, बड़खल झील के बारे में क्याेंकि झील का काम कई साल से चल रहा है जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। जो भी यहां काम हो रहा है, उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
40,486 रुपये सरकारी खाते में जमा करने को कहा
दीवार पर जो पत्थर लगाए जा रहे हैं, वह टूटकर गिर रहे हैं। यहां बनाई गई सीमेंटेड सड़क में दरारें आने लगी हैं। झील से अभी तक जलकुंभी 10 प्रतिशत ही साफ हो सकी है जबकि काम शुरू हुए तीन माह बीत गए हैं। यहां लगी लाइटें भी नहीं जलती हैं। इस तरह अन्य काम के बारे में भी सूचना मांगी गई ताकि सूचना मिलने के बाद शिकायत की जा सके। अधिकारी ने जवाब देने के एवज में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने 40 हजार 486 रुपये सरकारी खाते में जमा करने को कहा गया है।
अब मांग रहे वास्तविक फोटोकॉपी के रुपए
इतनी राशि मांगने से वह परेशान हो गए। कंपनी के मैनेजर बीर सिंह ने बताया कि जो सूचना मांगी गई थी, उसकी फोटोकाॅपी बहुत अधिक बन रही हैं। इसलिए अब आवेदनकर्ता कार्यालय में आकर तय कर लेंगे कि उन्हें कौन-कौन सी सूचना चाहिए। उसी हिसाब से पेजों का भुगतान करना होगा।

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