फरीदाबाद में रबी फसल का रिकॉर्ड पंजीकरण, किसानों की संख्या और रकबा बढ़े
फरीदाबाद में रबी फसलों का रिकॉर्ड पंजीकरण हुआ है, जिसमें किसानों की संख्या और खेती के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई है। यह कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात् ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ (फरीदाबाद)। रबी की फसल गेहूं का पंजीकरण पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष सबसे ज्यादा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों ने कराया है। किसानों की संख्या बढ़ने का कारण सरकार द्वारा खाद को फसल पंजीकरण के बाद देना बताया जा रहा है।
जबकि पिछले वर्षों में किसानों को खाद बिना फसलों के पंजीकरण कराए ही दुकानदार दे देते थे। यही कारण था कि किसान फसलों के पंजीकरण में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते थे।
किसानों को कुछ लोग तो पंजीकरण कराने से यह कह कर मना करा देते थे कि यदि फसल का पंजीकरण पोर्टल पर कराया तो बीपीएल का राशन कार्ड कट जाएगा। वृद्धावस्था पेंशन कट जाएगी। क्योंकि इससे परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख से अधिक हो जाएगी। यदि फसल का पंजीकरण होगा, उसकी ई-खरीद की जाएगी।
भुगतान भी कराया जाएगा ऑनलाइन
फसल का भुगतान भी आनलाइन कराया जाएगा। इसलिए किसान पंजीकरण कराने में बहुत कम रुचि रखते थे। इस बार सरकार ने स्पष्ट कह दिया कि किसान पहले जो फसल अपने खेत में बो रहा है, उसका मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराएं। पंजीकरण का नंबर बताएं तभी खाद बिक्री केंद्र से डीएपी और यूरिया दिया जाएगा।
इस बार किसानों ने अपनी फसल का बोआई करने से पहले ही पंजीकरण करा दिया। यही कारण है कि इस बार किसानों ने जो फसल का पंजीकरण कराया है, वह रकबा 39 हजार 214 एकड़़ है और किसानों की संख्या आठ हजार 669 है। जबकि पिछले वर्ष 24 दिसंबर तक 12 हजार 365 एकड़ भूमि का पांच हजार 669 किसानों ने पंजीकरण कराया था।
पिछले पूरे सीजन के दौरान 44 हजार 934 एकड़ का छह हजार 689 किसानों ने पंजीकरण कराया था। 2023-24 में कुल 37 हजार 068 एकड़ का पांच हजार 374 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इस बार उम्मीद है कि किसान अपना पिछले रिकार्ड को तोड़ देंगे।
सरकार की खाद देने से पहले फसल पंजीकरण कराने की नीति सबसे ज्यादा सफल रही है। इस बार सीजन समाप्त होने तक 50 हजार से ज्यादा एकड़ फसल का पंजीकरण हो जाएगा। सरकार ने फसल भी उन्हीं किसानों की खरीदने के लिए कहा है, जिन्होंने अपनी फसल का रकबा पंजीकरण कराया होगा। ऐसे ही किसानों की ई-खरीद की जाएगी और फसल का भुगतान समर्थन मूल्य के अनुसार सीधा बैंक के खाते में किया जाएगा।
डा. अनिल सहरावत, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग

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