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    फरीदाबाद: चालान में हेरफेर कर वसूली करने वालों का भंडाफोड़, 20 हजार के चालान को 500 में बदलने पर हुआ शक; 3 गिरफ्तार

    By Deepak Kumar PandeyEdited By: Neeraj Tiwari
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 07:59 PM (IST)

    फरीदाबाद में चालान में हेरफेर कर वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। 20 हजार के चालान को 500 रुपये में बदलने के संदेह पर तीन लोगों को गिरफ्तार क ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    दीपक पांडेय, फरीदाबाद। वाहनों के चालान में अपराध की डिग्री और जुर्माना राशि कम करके सरकार को राजस्व को चूना लगाने का मामला सामने आया है। आरोपितों ने पीड़ित से तो जुर्माने की पूरी राशि ली लेकिन चालान को एडिट करके कोर्ट में भुगतान कम कर दिया। पुलिस आयुक्त के आदेश पर एसीपी सेंट्रल द्वारा की गई जांच में 25 चालान ऐसे सामने आए, जिनमें गड़बडी की गई थी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज गया है।

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    तीनों अलग-अलग विभाग में हैं कार्यरत

    पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए शातिरों में होमगार्ड शुभम और अहलमद वीरेंद्र और एक अन्य आरोपित शामिल है। होमगार्ड शुभम यातायात चालान शाखा में तैनात था। अहलमद वीरेंद्र जेएमआईसी सरिता सोलंकी की कोर्ट में नियुक्त था। इसके साथ ही एक अन्य व्यक्ति कोर्ट में चालान भरवाने को लेकर काम करता था।

    चालान राशि में गड़बड़ी पर गया ध्यान

    चालान में यह गड़बड़ी सेक्टर-12 स्थित मिनी सचिवालय में यातायात चालान शाखा में की गई। जहां पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के कार्यालय भी मौजूद हैं। चालान राशि में गड़बड़ी को लेकर फैमिली कोर्ट की प्रधान जज सौरभ गोसाई परिवार न्यायालय की ओर से जिला न्यायाधीश को जांच के लिए पत्र लिखा गया था। जिला न्यायाधीश ने पुलिस आयुक्त से चालान में हो रही गड़बड़ी पर जांच कराने को कहा। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने एसीपी सेंट्रल को पूरे मामले की जांच सौंपी थी।

    चालानों से ऐसे करते थे छेड़छाड़

    जांच में पाया गया कि सेक्टर-12 लघु सचिवालय में स्थित डाक यातायात चालान शाखा में तैनात होमगार्ड और पुलिसकर्मी चालानों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। वह एप के माध्यम से चालान को एडिट करके अपराध की डिग्री और जुर्माना राशि दोनों बदल रहे थे।

    जांच के दौरान पाया गया कि जेएमआइसी सरिता साेलंकी की कोर्ट में भुगतान किए गए चालान में ऋषिपाल नाम के व्यक्ति द्वारा गलत ड्राइविंग का 500 रुपये का जुर्माना का भुगतान किया गया था।

    जब उसी यातायात चालान को वाहन इन्फो की इंटरनेट वेबसाइट/ऐप से चेक किया गया, तो यह पता चला कि वास्तव में उक्त अपराधी पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 115 के तहत नो एंट्री को लेकर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था। इसमें से साढ़े 19 हजार रुपये आरोपितों की जेब में चले गए और 500 रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए।

    पीड़ित से वसूली गई जुर्माना की मूल राशि

    जांच के दौरान पाया गया 25 चालान ऐसे थे जिनमें अदालतों में भुगतान किए गए अपराधों का विवरण ट्रैफिक पुलिस हरियाणा द्वारा जारी किए मूल चालान के अपराधों से मेल नहीं खा रहा था। यातायात चालान शाखा में नियुक्त कर्मचारी जाली चालान तैयार कर रहे थे। उनके पास सीआईएस सिस्टम (चालान इंक्वायरी सिस्टम) का भी सीधा एक्सेस था।

    यह जाली चालानों को सीआईएस सिस्टम में भी पंजीकृत करवा रहा था। एसएचओ थाना प्रभारी अजीत के अनुसार चालान में गड़बड़ी करने को लेकर तीन आरोपित गिरफ्तार किए गए है। मामले की जांच अभी भी जारी है।

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