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    'पाताल से भी खोजकर आंतकियों को देंगे सजा...', उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में गरजे गृह मंत्री अमित शाह  

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 09:15 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली धमाके के दोषियों को पाताल से भी खोजकर सजा दी जाएगी। सूरजकुंड में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने क्षेत्रीय परिषदों को संवाद और समन्वय के लिए महत्वपूर्ण बताया और नए कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए, उन्होंने मिलेट्स को बढ़ावा देने की अपील की।

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    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में लाल किला के बाहर किए गए धमाके के गुनहगारों को पाताल से भी ढूंढ कर सख्त सजा दिलाने की बात कही है। सोमवार को सूरजकुंड में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना हम सबकी साझी प्रतिबद्धता है।

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    मोदी सरकार के अब तक के रिकार्ड के अनुरूप दिल्ली बम धमाके के सभी दोषी चाहे जहां भी छिपे हों, उन्हें हर हाल में खोज निकाल कर देश की न्यायिक व्यवस्था के सामने खड़ा करेंगे और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे।

    हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जेएंडके और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों, विभिन्न केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों, मुख्य सचिवों व चंडीगढ़ के प्रशासक की उपस्थिति में आयोजित बैठक की शुरुआत दिल्ली में 10 नवंबर को सफेदपोश आतंकी द्वारा कार में किए गए धमाके और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखने से हुई।

    प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो की ओर से बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण है कि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का सृजन करते हैं, इसे ज़मीन पर उतारने में क्षेत्रीय परिषदों का बहुत महत्व है। संवाद, सहयोग, समन्वय और पालिसी सिनर्जी के लिए क्षेत्रीय परिषदों को महत्वपूर्ण बाते हुॅए कहा कि इसके माध्यम से विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल किया गया है।

    तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि इन नए कानूनों को लागू करने से काफी सकारात्मक नतीजे मिले हैं। नए कानूनों के तहत दोष-सिद्धि की दर में लगभग 25 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दोषियों को समय पर सजा भी मिली है।

    उन्होंने इन कानूनों के प्रभावी अमल के लिए राज्य सरकारों को और अधिक प्रयास करने पर जोर दिया। गृह मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से जांच और फारेंसिक एनालिसिस से लेकर न्यायालयों को ऑनलाइन जोड़ने तक तकनीक को अपग्रेड करने का आग्रह किया।

    उन्होंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में जल्द सजा दिलाने के लिए पोक्सो अधिनियम के तहत यौन अपराध और दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे घृणित अपराध को कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इसके लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जाए।

    क्षेत्रीय परिषदों की मूल भावना और भूमिका सलाहकारी

    अमित शाह ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की मूल भावना और भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले दशक में इसे एक्शन ओरियंटेड प्लेटफाॅर्म के रूप में स्वीकारा गया है और इसके परिणाम भी मिले हैं। राज्यों के बीच, क्षेत्र और राज्यों के बीच और केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ फालोअप के साथ मुद्दों को हमने स्वीकारा भी है और इनके समाधान प्राप्त करने के लिए ठोस रास्ता भी बनाया है।

    शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है-क्षेत्रीय ताकत के साथ राष्ट्रीय विकास और हर क्षेत्र में देश का वैश्विक नेतृत्व, यही सोच हमें महान भारत की रचना की ओर ले जाती है। गृह मंत्री ने सभी राज्यों को जल संसाधन प्रबंधन और पानी की समस्या दूर करने के लिए आपसी समन्वय से काम करने को कहा।

    गुरुओं के बलिदान ने दिखाया संघर्ष का रास्ता

    शाह ने कहा कि हरियाणा और पंजाब महान सिख गुरुओं की भूमि है जिनका न सिर्फ देश की आध्यात्मिक चेतना को प्रबल बनाने में योगदान रहा है, बल्कि देश के सम्मान और स्वतंत्रता के लिए भी बहुत बड़े बलिदान दिए हैं।

    आज हमारा देश अपनी मूल परंपराओं के आधार पर चल रहा है, लेकिन अगर गुरु तेग बहादुर जी न होते तो देश आज अपनी मूल परंपराओं के आधार पर नहीं चल रहा होता। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के महान बलिदान और दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के सर्वस्व बलिदान ने देश को बड़ा संबल दिया और संघर्ष का रास्ता दिखाया।

    राज्य सरकारें मिलेट्स के उत्पादन व प्रयोग को बढ़ाएं

    अमित शाह ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के अभियान में राजस्थान के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सभी राज्यों को मिलेट्स के उत्पादन और प्रयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकारों से मिलेट्स को गरीबों को हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज दिए जाने की योजना का हिस्सा बनाने की अपील की।

    सहकारिता, कृषि और मछली पालन को गरीबी दूर करने और रोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम मानते हुए कहा कि इससे गरीबी दूर हो रही है और रोजगार बढ़ रहे हैं। पीएम के सहकार से समृद्धि के मंत्र का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना है।

    उन्होंने कहा कि सिर्फ जीडीपी देश की समृद्धि का परिचायक नहीं होता बल्कि समृद्धि तभी मानी जाती है जब हर व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आ जाता है।

    बैठक में प्रत्येक गांव के नियत दायरे में ब्रिक-एंड-मोर्टार बैंकिंग की उपलब्धता, जल बंटवारे, पर्यावरण, उच्च शिक्षा आदि से जुड़े मुद्दे, आपातकालीन सहायता प्रणाली तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दों, राष्ट्रीय महत्व के छह मुद्दों में शहरी मास्टर प्लानिंग, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को मजबूत करने, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्राॅप-आउट दर कम करने और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सार्वजनिक अस्पतालों की भागीदारी जैसे मुद्दों पर विभिन्न राज्यों के सीएम और प्रशासनिक अधिकारिंयों संग चर्चा हुई।

    बैठक में मेजबान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने भी अपने राज्यों के हितों के संदर्भ में बात रखी। 

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