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    अल फलाह यूनिवर्सिटी आतंक का अड्डा कैसे बनी? फरीदाबाद पुलिस की SIT करेगी षड्यंत्र के हर तंत्र की बारीकी से जांच

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 08:39 PM (IST)

    फरीदाबाद पुलिस की एसआईटी अल फलाह यूनिवर्सिटी को आतंक का अड्डा बनाने की जांच करेगी। षड्यंत्र के हर पहलू की गहराई से जांच की जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। एसआईटी यूनिवर्सिटी में आतंक से जुड़े सभी संभावित पहलुओं की जांच करेगी और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाएगी।

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    प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली धमाके के बाद केंद्रीय एजेंसियां, यूपी एटीएस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच अलग-अलग दिशा में जांच कर रही हैं। अब पुलिस आयुक्त (सीपी) सतेंद्र कुमार गुप्ता ने अलग से विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। इसमें दो एसीपी सहित एक इंस्पेक्टर व दो सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। यह एसआईटी अल फलाह यूनिवर्सिटी की गतिविधियों से लेकर अभी तक की पूरी रिपोर्ट तैयार कर रही है।

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    प्रदेश सरकार भी है बेहद गंभीर

    सीपी ने इस एसआईटी को यह आदेश दिया है कि वह पता लगाए कि यूनिवर्सिटी आतंक का केंद्र कैसे बन गई? इसकी फंडिंग, विस्फोटक का रूट की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। आस-पास के गांव वालों की भूमिका से लेकर गायब होने वाले लोगों की भी रिपोर्ट तैयार हो रही है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। इसलिए इस मामले में कभी भी रिपोर्ट तलब कर सकती है।

    प्रशासन फ्रंट पर खड़ा होकर लीड करे

    रिपोर्ट भी पुलिस विभाग से मांगी जाएगी, इसलिए पुलिस केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर न रहकर अपने स्तर पर जांच रिपोर्ट तैयार करने में लग गई है। डीजीपी ओपी सिंह भी इसी मकसद से मंगलवार को अल फलाह यूनिवर्सिटी आए थे। डीजीपी ने तो यहां तक कहा था कि डीसी एवं सीपी को स्वयं मौके पर जाना चाहिए। प्रशासन फ्रंट पर खड़ा होकर लीड करे।

    जिला पुलिस को स्पष्ट संदेश दिया कि इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी से जो लोग गायब हैं, उन्हें ढूंढे। साथ ही अन्य राज्य पुलिस एवं केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर अहम जानकारी एकत्रित की जाए। याद रहे इसी यूनिवर्सिटी में तैनात डाॅ. मुजम्मिल, डाॅ. उमर नबी बट और डाॅ. शाहीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। सफेदपोश आतंकी डॉ. उमर नबी बट ने ही दिल्ली में कार में धमाका किया था।

    आतंकी कैसे आ गए यूनिवर्सिटी, होगी जांच

    सबसे बड़ा सवाल यह है कि आतंकियों ने यूनिवर्सिटी को इतने साल तक कैसे ठिकाना बनाए रखा, इसकी भनक कैसे नहीं लगी। इस दिशा में भी जांच शुरू हो गई है। क्योंकि इस मामले में पुलिस का खूफिया तंत्र बिल्कुल फेल हो गया है। इतना ही नहीं दिल्ली धमाके में प्रयोग किया गया विस्फोटक औद्योगिक नगरी के धौज गांव से गया था।

    सूत्र बताते हैं कि धौज गांव में विस्फोटक सोहना से नूंह वाले रास्ते से आया था क्योंकि धौज से आगे सीधा रास्ता सोहना तक है। सोहना से नूंह के भी सीधा मार्ग है। अब सवाल है कि इतनी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट लाया गया लेकिन रूट के दौरान नाके पर किसी ने भी रोक-टोक नहीं की।

    पता चला है कि अंदरखाने इस रूट की जांच हो रही है। धौज से सोहना के बीच में एक नाका है। सोहना की आइएमटी के पास भी नाका है। नूंह में भी नाकेबंदी रहती है। साथ ही धौज गांव में भी थाने के सामने नाका लगता है। इन सभी नाकों से होकर अमोनियम नाइट्रेट गुजरा है।

    अंजान थी, या बरती लापरवाही, जांच नहीं

    अमोनियम नाइट्रेट जो विस्फोट में शामिल किया गया था, इसे लेकर पुलिस अंजान थी या लापरवाही बरती। इस दिशा में पुलिस जांच नहीं कर रही है। बल्कि यह कहा जा रहा है कि खाद के कट्टों को कैसे पुलिस जांच कर सकती है। जबकि इतनी बड़ी मात्र में अमोनियम नाइट्रेट धौज में एकत्रित किया गया, इसकी गहनता से जांच तो होनी चाहिए थी।

    अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ओर से कराए जाने वाले नार्थ जोन क्रिकेट टूर्नामेंट से अल फलाह यूनिवर्सिटी को बाहर कर दिया गया हैं। उत्तर भारत की इस प्रतियोगिता में 84 यूनिवर्सिटी भाग लेती हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी का मुकाबला 22 नवंबर को मानव रचना यूनिवर्सिटी से होना था। जिसको रद कर दिया गया हैं।

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