Manisha Death Case: अगर हत्या हुई तो किसने की और 24 दिनों की जांच में क्या निकला? CBI की रिपोर्ट पर टिकी नजर
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत का मामला अब सीबीआई जांच के नतीजे पर निर्भर है। 24 दिनों तक जांच के बाद सीबीआई टीम दिल्ली लौट चुकी है लेकिन रिपोर्ट को लेकर संशय बरकरार है। शुरुआत से ही हत्या के कोण से जांच कर रही सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की है। मृतका के पिता का कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती उसकी हत्या हुई है।

जागरण संवाददाता, भिवानी। बहुचर्चित शिक्षिका मनीषा मौत मामले में अब सबकी नजरें सीबीआइ जांच की रिपोर्ट पर टिकी है। सीबीआइ टीम लगातार 24 दिन तक जांच करने के बाद दिल्ली लौट चुकी है।
मनीषा की मौत की तरह ही जांच रिपोर्ट पर भी संशय बना है कि आखिकार जांच में क्या सामने आया। चूंकि सीबीआइ टीम शुरुआत से ही हत्या का केस दर्ज कर इस मामले को हत्या का मान जांच कर रही थी तो ऐसे में सबके मन में सवाल है कि आखिरकार शिक्षिका मनीषा के साथ क्या हुआ था।
अगर हत्या हुई तो किसने और क्यों की। वहीं चर्चाएं है कि अब तक सीबीआइ मामले से जुडे़ हर पहलु को खंगाल चुकी है। आगे की जांच के लिए केस से जुडे़ लोगों को दिल्ली बुलाया जा सकता है।
तीन सितंबर को मामले की जांच के लिए आई सीबीआइ टीम ने 25 सितंबर तक लगातार मामले की जांच की। इस दौरान प्ले स्कूल संचालकों व स्टाफ से सबसे ज्यादा पूछताछ की। नर्सिंग कालेज संचालकों से एक बार पूछताछ हुई।
वहीं बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र से चार-चार दफा पूछताछ हो चुकी है। टीम चार से पांच बार घटनास्थल का भी निरीक्षण किया। सीसीटीवी खंगाले। अब दो दिन से सीबीआइ टीम भिवानी में नहीं है। ऐसे में चर्चाएं है कि जांच पूरी हो चुकी है और जरूरत हुई तो केस से जुडे़ लोगों को दिल्ली में ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
मगर सबके मन में सवाल ये ही बना है कि आखिरकार 24 दिन की जांच में क्या निकला। सूत्रों की माने तो मामले में अभी तक की जांच पड़ताल के बावजूद किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं मृतका के पिता संजय कुमार एक ही बात कह रहे है कि मेरी बेटी सुसाइड नहीं कर सकती, उसकी हत्या की गई है।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला।
गले पर चोट के निशान देख स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकाों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें।
स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच करवाई गई। जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगे मानी। जिसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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