Manisha Death Case: 6 बार स्कूल, 4 बार परिजन और 2 बार कॉलेज... 24 दिनों में जांच पूरी कर लौटी CBI, अब दिल्ली से होगा खुलासा
भिवानी में शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में सीबीआई ने 24 दिनों तक गहन जांच की। टीम ने कई लोगों से पूछताछ की और घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच लगभग पूरी हो चुकी है और टीम दिल्ली लौट गई है। मृतका के पिता ने इसे हत्या का मामला बताया और सीबीआई जांच से न्याय की उम्मीद जताई है।

जागरण संवाददाता, भिवानी। छह बार प्ले स्कूल, चार बार स्वजन, दो बार नर्सिंग कालेज संचालकों से पूछताछ, तीन बार लाइब्रेरी में जांच तो पांच बार घटनास्थल का निरीक्षण। शिक्षिका मनीषा मौत मामले में सीबीआइ ने इसी तरह से 24 दिन जांच की है। टीम ने तीन बार क्षेत्र के सारे सीसीटी भी खंगाले हैं। इसके बाद अब सीबीआइ टीम दिल्ली लौट गई है।
चर्चाएं हैं कि जांच जांच लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही मामले का पूरा खुलासा हो सकता है। तीन सितंबर को मनीषा मौत मामले की जांच के लिए भिवानी आई सीबीआइ टीम पिछले 24 दिन से हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। पांच सितंबर को सीबीआइ ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया था। टीम का मुख्य फोकस अब तक सीसीटीवी और केस से जुडे़ लोगों से पूछताछ पर रहा है।
सीबीआइ टीम अब तक प्ले स्कूल संचालकों व स्टाफ से सबसे ज्यादा 6 बार पूछताछ कर चुकी है और स्वजन से भी चार बार बातचीत कर चुकी है। नर्सिंग कालेज संचालकों से भी पूछताछ हुई है। वहीं बकरी पालक, खेत मालिक, खाद-बीज दुकानदार देवेंद्र से चार-चार दफा पूछताछ हो चुकी है।
टीम चार से पांच बार घटनास्थल का भी निरीक्षण कर चुकी है। सीबीआइ टीम के दिल्ली लौटने के बाद वीरवार को चर्चाएं रही कि जांच के लिए टीम बाद में वापस आएगी। साथ ही मामले से जुडे़ लोगों को जांच के लिए दिल्ली भी बुलाया जा सकता है।
मैं अंग्रेजी नहीं पढ़ सकता तो बेटी सुसाइड नोट अंग्रेजी में क्यों लिखेगी
मृतका के पिता संजय कुमार ने बताया कि पुलिस वाले मेरे पास से रजिस्टर लेकर गए थे। सुसाइड नोट था ही नहीं। पुलिस एक सप्ताह बाद सुसाइड नोट लेकर आई। हमने शुरू से ही इन्कार किया था। न राइटिंग मिल रही है। सुसाइड नोट था तो पहले क्यों नहीं दिया।
मेरी हालत उस समय ठीक नहीं थी तो मैंने बेटी का रजिस्टर दे दिया। मुझे तो सुसाइड नोट का भी एक पत्रकार के माध्यम से पता लगा। मेरी बेटी अगर सुसाइड नोट लिखती तो हिंदी में लिखती, क्योंकि उसे पता है कि मैं 10वीं तक पढ़ा हूं और अंग्रेजी नहीं पढ़ सकता है। बेटी की हत्या की गई है।
गर्दन काट रखी है, चेहरा दिख नहीं रहा और मुंह जलाया हुआ है, मर्डर किया गया है। मेरा शक कालेज पर है, बेटी कालेज की ही कहकर गई थी। बेटी का मर्डर क्यों किया और किसने किया, यह सीबीआइ जांच करे। मुझे सीबीआइ जांच से उम्मीद है और हत्या करने वालों का खुलासा होगा।
यह है मामला
प्ले स्कूल की शिक्षिका ढाणी लक्ष्मण वासी मनीषा 11 अगस्त को स्कूल में पढ़ाने गई थी मगर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने उसकी काफी तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अगले दिन 12 अगस्त को गुमशुदगी का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव में नहर किनारे मिला।
गले पर चोट के निशान देख स्वजन ने हत्या के आरोप लगाए। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। मगर स्वजन ने शव लेने से इन्कार करते हुए कहा कि पहले आरोपितों की गिरफ्तारी करें।
स्वजनों की मांग पर पीजीआइ रोहतक में चिकित्सकों के बोर्ड ने दोबारा पोस्टमार्टम किया। विसरा जांच करवाई गई, जिसमें सामने आया कि शरीर में जहरीला पदार्थ है। स्वजन ने धरना दिया और एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम और सीबीआइ जांच की मांग की। प्रदेश सरकार ने ये दोनों मांगें मानीं। इसके बाद 21 अगस्त को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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