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    सात दिन के बाद भी पूरे हरियाणा में कहीं भी अनाज की सरकारी खरीद शुरू नहीं, किसानों मे आक्रोश

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:46 PM (IST)

    लोहारू उपमंडल कार्यालय में संयुक्त किसान मोर्चे का महापड़ाव 77वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने अनाज की सरकारी खरीद शुरू न होने पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने डीएपी खाद की व्यवस्था जल निकासी और फसल मुआवजे की मांग की। कपास बीमा क्लेम मिलने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। धर्मपाल फरटिया महावीर पूनिया आदि ने अध्यक्षता की और कई किसानों ने संबोधित किया।

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    सात दिन के बाद भी पूरे हरियाणा में कहीं भी अनाज की सरकारी खरीद आरंभ नहीं (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, लोहारू। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर उपमंडल कार्यालय लोहारू में अनिश्चितकालीन महापड़ाव के 77 वें दिन जारी रहा। किसानों ने कहा कि घोषणा के सात दिन के पश्चात भी पूरे हरियाणा में कहीं भी अनाज की सरकारी खरीद आरंभ नहीं हुई है। जबकि हरियाणा सरकार अपने विज्ञापनों में 24 फसलों की खरीद एमएसपी पर खरीदती है लेकिन हकीकत इससे परे है।

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    किसान नेता मास्टर जगरोशन और कर्ण सिंह जैनावास ने डीएपी खाद की समुचित व्यवस्था करने, बाढ़ग्रस्त इलाकों से जल निकासी की व्यवस्था करने और खराब हुई फसलों का प्रति एकड़ पचास हजार रुपए मुआवजा देने की मांग की।मास्टर दयानंद दमकौरा ने कहा कि जब तक 350 करोड़ रुपये कपास बीमा क्लेम जब तक किसानों के खातों में जमा नहीं हो जाता यह महापड़ाव जारी रहेगा। महापड़ाव की संयुक्त अध्यक्षता धर्मपाल फरटिया केहर, महावीर पूनिया, बलवान बैराण, दयानंद सिधनवां और नंदलाल दहिया ने किया।

    मंच संचालन सुरेंद्र राठी, सुरेश फरटिया और कर्ण सिंह जैनावास ने किया। आज मेवा सिंह आर्य भूंगला, मनफूल ओबरा, महिपाल बिधनोई, राम सिंह शेखावत, शेर सिंह झांझड़ा, आजाद भूंगला, राम पाल सिंघानी, राजे राम पूर्व सरपंच अहमदवास खेड़ा , हवा सिंह बलौदा, मास्टर उमराव सिंह और मान सिंह सुरपुरा खुर्द ने संबोधित किया।

    महापड़ाव में धर्म पाल नंबरदार, नरेश कुमार लोहारू, धनसिंह सिंघानी, बनवारी फरटिया केहर, भगवत ढाणी मनसुख,रतन सिंह रहीमपुर, विजय पाल गोठड़ा, जय लाल सिंघानी, अमर सिंह गिगनाऊ, ओम प्रकाश आजमपुर, माया चंद बडदू, अनिल जाखड़,मान सिंह सुरसुरा खुर्द, सुमेर सिंह गिगनाऊ, श्याम प्रकाश मोरका, डा. जय चंद जीवनसर, देवी दयाल पहाड़ी, ईश्वर सिंह कोंट, उमेद सिंह बुढेडा आदि किसान उपस्थित रहे।