भिवानी में स्कूली छात्रों के भरत मिलाप ने जीता दर्शकों का दिल, बच्चों ने दिया निस्वार्थ प्रेम का संदेश
भिवानी के टीआईटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में श्रीराम के आदर्शों पर आधारित नौ दिवसीय नाटिका के छठे दिन भरत मिलाप का मंचन हुआ। भरत और राम के पुनर्मिलन ने दर्शकों को भक्ति और निस्वार्थ प्रेम का संदेश दिया। भरत ने सिंहासन त्यागकर राम की पादुकाओं को सिंहासन पर स्थापित किया जिससे त्याग और कर्तव्य परायणता का प्रदर्शन हुआ। विद्यालय का उद्देश्य बच्चों को नैतिक मूल्यों से जोड़ना है।

जागरण संवाददाता, भिवानी। टीआइटी सीनियर सैकेंडरी स्कूल में चल रहे भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन मूल्यों पर आधारित नौ दिवसीय लघु नाटिका मंचन के छठे दिन मंगलवार को भरत मिलाप का हृदयस्पर्शी मंचन किया।
बच्चों को भगवान राम के जीवन से प्रेरणा देने के उद्देश्य से आयोजित इस शृंखला में भरत और श्रीराम के पुनर्मिलन का प्रसंग जीवंत हो उठा, जिसने दर्शकों को भक्ति और निस्वार्थ प्रेम के महत्वपूर्ण संदेश से अवगत कराया। नौ दिवसीय लघु नाटिका मंचन के छठे दिन नन्हे कलाकारों ने अपने अभिनय से सभी का मन मोह लिया।
भरत मिलाप के दृश्य में छोटे कलाकारों ने वनवास गए भगवान श्रीराम और उन्हें अयोध्या वापस लाने के लिए गए उनके छोटे भाई भरत के भावुक मिलन को बड़ी ही मार्मिकता से प्रस्तुत किया।
इस दृश्य में भरत का त्याग, कर्तव्य परायणता और निस्वार्थ प्रेम स्पष्ट रूप से झलका। भरत का सिंहासन ठुकराकर राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रखने का संकल्प, दर्शकों के लिए भक्ति और निस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा को दर्शा गया।
मंचन के दौरान, माहौल अत्यंत भावुक हो गया, जिसने बच्चों के साथ-साथ उपस्थित सभी शिक्षकों और अभिभावकों को भी गहरे आध्यात्मिक और भावनात्मक जुड़ाव का अनुभव कराया।
विद्यालय प्राचार्य ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से स्कूल का उद्देश्य बच्चों को केवल शैक्षणिक ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों और सांस्कृतिक आदर्शों से भी जोड़ना है।
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