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    मकान का नक्शा अब 60 की जगह अब 20 दिन में करना होगा पास

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 12 Mar 2018 11:15 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: सरकार ने शहरी क्षेत्र में मकान बनाने वाले लोगों को बड़ी राह

    मकान का नक्शा अब 60 की जगह अब 20 दिन में करना होगा पास

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

    सरकार ने शहरी क्षेत्र में मकान बनाने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। लोगों को मकान का नक्शा पास करवाने के लिए अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से समय अवधि तय कर दी गई है। अगर तय अवधि में संबंधित अधिकारी ने इसे ओके नहीं किया तो इसे पास मान लिया जाएगा। यह बदलाव नए बिल्डिंग कोड में किए गए हैं। तुरंत प्रभाव से इन्हें लागू भी कर दिया गया है।

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    दरअसल शहर में नगर परिषद या हुडा के सेक्टरों में जब कोई मकान बनाने की सोचता था तो उससे पहले नक्शा पास करवाने में आने वाली दिक्कतों के बारे में सोचने लगता था। नए बिल्डिंग कोड में नक्शा पास करवाने से लेकर भवन में प्रवेश करने तक नगर परिषद, हुडा व टाउन प्लानर विभाग के चक्कर लगाने वालों को शहरी स्थानीय निकाय हरियाणा ने राहत प्रदान की है। यदि नक्शा पास करवाने के लिए नियमानुसार दस्तावेज जमा करवाए हैं तो निगम के भवन निरीक्षकों या संबंधित अधिकारी को उसे 20 दिन में ओके करना होगा। यदि इस अवधि में आपके नक्शे को स्वीकृति नहीं दी या कोई आपत्ति नहीं लगी तो वह नक्शा पास माना जाएगा। वहीं भवन प्रवेश प्रमाणपत्र भी 18 दिन के अंदर जारी करना होगा। यह आदेश हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 में चैप्टर 1 से 7 तक में किए गए विभिन्न परिवर्तन के तहत दिए गए हैं। इन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

    दो भवनों के लिए एक दीवार का प्रयोग कर सकेंगे

    अभी तक बिल्डिंग बनाने के लिए जमा कराए गए नक्शे पर निगम के भवन निरीक्षक को 60 दिन तक उस पर हा या ऑब्जेक्शन लगाने का अधिकार था। लेकिन अब इस समय अवधि को घटाकर 20 दिन कर दिया है। 20 दिन तक यदि बीआई नियमानुसार दस्तावेज जमा करवाने के बाद नक्शे पर हा या ना का जवाब नहीं देते तो वह पास माना जाएगा। वहीं पहले स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में जगह पर मनमर्जी के तहत हॉस्टल व स्टाफ निवास स्थान बना देते थे, लेकिन अब उसमें जगह का प्रतिशत तय किया है। कुल जगह की अधिकतम 20 प्रतिशत क्षेत्र में हॉस्टल निर्माण और 10 प्रतिशत जगह में संस्थान मुखिया व स्टाफ के घर बना सकेंगे। सेक्टर की तरह अब कालोनियों में भी दो भवनों के लिए एक दीवार का प्रयोग कर सकते हैं। हालाकि इसके लिए दीवार की चौड़ाई 230 एमएम होनी अनिवार्य है। नक्शा, डीपीसी व अन्य बिल्डिंग संबंधी कार्यो के लिए यूएलबी ने प्रोफार्मा जारी किए गए हैं।

    पार्किग के लिए भी जगह छोड़ने की जरूरत नहीं:

    150 स्क्वेयर मीटर तक के प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए अब पार्किग के लिए जगह छोड़ने की जरूरत नहीं है। 500 से अधिक स्क्वेयर मीटर तक के प्लाट पर में 1 ईसीएस (इक्युवेलेंट कार स्पेस) जगह पार्किग के लिए छोड़नी अनिवार्य है। थर्ड पार्टी भी भवन प्रवेश प्रमाणपत्र कर सकेगी जारी। 250 स्कवायर मीटर तक के प्लॉट पर तक 0.5 ईसीएस जगह छोड़नी होगी। डीपीसी में 15 दिन में सर्टिफिकेट देना होता था, जिसकी समय अवधि अब 7 दिन कर दी है। ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट यानी बिल्डिंग पूरी होने के बाद दिया जाने वाला प्रमाणपत्र अब 60 दिन की जगह 18 दिन में देना होगा।

    थर्ड पार्टी को भी शक्ति:

    अब तक नगर परिषद व संबंधित विभाग अधिकारी ही भवन प्रवेश प्रमाणपत्र देते थे। लेकिन अब थर्ड पार्टी को भी यूएलबी (अर्बन लोकल बॉडी) ने यह शक्ति दी है। नगर परिषद के दायरे में बनी नई बिल्डिंगों में प्रवेश प्रमाण पत्र अब थर्ड पार्टी यानी सिविल इंजीनियर भी दे सकता है। हालाकि इसमें यूएलबी ने नियम व शर्तें रखी हैं। नगर परिषद की शर्तें व शैक्षणिक योग्यता के तय नियमों को जो सिविल इंजीनियर पूरा करते हैं, उन्हें ही ये शक्ति दी गई है।

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    विभाग की ओर से नया बिल्डिग कोड भेजा गया है। उसी के आधार पर सभी भवनों के नक्शे पास किए जाएंगे।

    -अपूर्व चौधरी, कार्यकारी अधिकारी, नप।