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    जब पहली बार बहादुरगढ़ आए थे नरेंद्र मोदी, भाजपाइयों को आज भी याद है हर बात; नेताओं की जुबानी पूरी कहानी

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 01:00 PM (IST)

    आज से 27 साल पहले जब नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी थे वे बहादुरगढ़ में पार्टी सम्मेलन के लिए आए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संयम सदाचार और अनुशासन का मंत्र दिया। उस समय मंडल अध्यक्ष राधेश्याम काबरा के घर पर वे रुके थे। मोदीजी ने कार्यकर्ताओं को पद की इच्छा त्यागकर काम करने की सलाह दी थी।

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    27 साल पहले बहादुरगढ़ में मोदी ने दिया था संयम, सदाचार और अनुशासन का मंत्र

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। बात 27 साल पहले की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय हरियाणा के प्रभारी होते थे। बहादुरगढ़ में प्रदेश भर के पार्टी पदाधिकारियों का सम्मेलन रखा गया था।

    इसके लिए मोदी दो दिवसीय प्रवास पर बहादुरगढ़ आए थे। एक पदाधिकारी के घर ठहरे। उस समय कार्यकर्ताओं को उन्होंने संयम, सदाचार और अनुशासन का मंत्र दिया था।

    कार्यकर्ता इस बात से प्रभावित हुए थे कि जो वे कहते हैं, वैसी ही जीवनशैली रखते हैं। बहादुरगढ़ की अग्रसेन धर्मशाला में यह सम्मेलन हुआ था।

    उस समय के मंडल अध्यक्ष राधेश्याम काबरा के घर मोदी ठहरे थे। तब उन्होंने क्या मंत्र दिया, वह राधेश्याम काबरा को आज 82 वर्ष की उम्र में भी अच्छे से याद है।

    दूसरा, पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके राजपाल जांगड़ा भी पुराने कार्यकर्ताओं में हैं। वे भी सम्मेलन में रहे।

    वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय प्रदेश प्रभारी के तौर पर जो राह दिखाई, उसने संगठन को हरियाणा में मजबूती दी। जानते हैं इन दोनों नेताओं की जुबानी में पूरी कहानी...।

    मोदीजी ने कहा था, पद की इच्छा त्याग काम करते रहो..

    बहादुरगढ़ भाजपा के नेता राधेश्याम काबरा ने उस दौर को याद करते हुए कहा, मैं उस समय पार्टी का मंडल अध्यक्ष था। माडल टाउन की एक गली में बिल्कुल आखिर में मेरा घर था। चूंकि वह दो दिन का सम्मेलन था और पार्टी का नियम था कि सभी प्रमुख वक्ताओं को यहीं ठहरना है।

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    तब मोदीजी ने एकांत का कमरा और एसटीडी फोन की आवश्यकता जताई थी। संयोग से हमारे घर एसटीडी फोन था। मोदीजी हमारे घर के ऊपर के कमरे में ठहरे थे। उनका रहन-सहन, खान पान साधारण और संयमित था।

    सिर्फ जरूरी बात करते थे। घर पर ज्यादा किसी से मिलना-जुलना नहीं करते थे। उस समय तो हमें क्या आभास था कि एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे, मगर उनकी एक बात अच्छे से याद है, जब उन्होंने कहा था पद की इच्छा मत रखो, सिर्फ काम करते रहो।

    पद तो समय पर अपने आप मिल जाएगा। आज मोदीजी अपनी इस बात के खुद मिसाल हैं। शायद ये बात केवल राजनीति नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू के लिए है।

    हमें पढ़ाया था अनुशासन का पाठ...

    भाजपा झज्जर के पूर्व जिलाध्यक्ष राजपाल शर्मा ने बताया, मुझे आज भी अच्छी तरह याद है जब 27 साल पहले के इस सम्मेलन में मोदीजी ने तीन-चार बाताें पर जोर दिया था। एक तो उन्होंने अनुशासन पर जोर दिया था।

    उनका तर्क था कि जब कोई वक्ता अपनी बात रख रहा है, तब बीच में कुछ न बोले। दूसरा, उन्होंने कर्म पर जोर दिया। उन्होंने कहा था कि अपने कर्म के रास्ते पर चलते जाओ। परिणाम अपने आप बेहतर आएंगे।