Engineers Day 2025: हरियाणवी युवाओं में क्यों बढ़ा इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज? एक्सपर्ट ने बताई वजह
कोरोना महामारी के बाद डिजिटल तकनीक के प्रति रुझान ने हरियाणवी युवाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज बढ़ा दिया है। पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि तकनीकी शिक्षा से रोजगार की संभावनाएं बढ़ती हैं। युवाओं का रुझान कंप्यूटर साइंस के साथ-साथ इंजीनियरिंग की अन्य शाखाओं में भी बढ़ रहा है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। कोरोना की आपदा के बाद डिजिटल की तरफ हुए झुकाव ने हरियाणवी युवाओं में भी तकनीकी हुनर की ललक पैदा की है। इसका असर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर देखा जा रहा है। पिछले कई साल से यहां के युवाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज तेजी से बढ़ा है।
इसी का नतीजा है कि साल दर साल पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले बढ़ते जा रहे हैं। पहले तो कंप्यूटर साइंस की तरफ ज्यादा रुझान देखने को मिला, लेकिन अब इंजीनियरिंग की दूसरी ब्रांचों में भी पढ़ाई के लिए हरियाणा के युवा आगे आ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी शिक्षा के बाद रोजगार की संभावनाएं बढ़ती हैं। दूसरा, परंपरागत कोर्स की पढ़ाई के बाद रोजगार की संभावनाएं सीमित रहती हैं, इसलिए तकनीकी शिक्षा की तरफ युवाओं का झुकाव है। प्रदेश भर के कॉलेजों में पिछले दो साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह साफ दिखता है कि पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें भी बढ़ी हैं और दाखिले भी।
आंकड़ों की जुबानी पॉलीटेक्निक संस्थानों की स्थिति
वर्ष 2023-24
- कुल सीट : 29849
- कुल दाखिले : 19183
- राजकीय कॉलेज : 13719
- एडेड : 1152
- प्राइवेट : 4262
वर्ष 2024-25
- कुल सीट : 31379
- कुल दाखिले : 21060
- राजकीय कॉलेज : 14767
- एडेड : 1222
- प्राइवेट : 5071
इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति:
वर्ष 2023-24
- कुल सीट : 25405
- कुल दाखिले : 13211
- राजकीय कॉलेज : 4388
- एडेड : 141
- प्राइवेट : 8682
वर्ष 2024-25
- कुल सीट : 27405
- कुल दाखिले : 15237
- राजकीय कॉलेज :5384
- एडेड : 120
- प्राइवेट : 9733
नोट: सभी आंकड़ें राज्य सरकार की वेबसाइट से।
कोरोना काल के बाद लाइफ डिजिटल हुई है। ऐसे में तकनीकी शिक्षा अब समय की जरूरत है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद कई क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं रहती हैं। इसलिए अब हरियाणा के युवाओं में इंजीनियरिंग के कई कोर्सों की तरफ रुझान बढ़ा है।
-संजीव सांगवान, कैरियर काउंसलर, बहादुरगढ़
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