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    Bahadurgarh News: मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों को ऊंचा करने में जुटा अमला, सीवरेज प्लांट से शुरू होगी जलनिकासी

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 03:14 PM (IST)

    मुंगेशपुर ड्रेन के कटाव के बाद प्रशासन तटबंधों को ऊंचा कर रहा है। सीवरेज प्लांट से निकासी की तैयारी है लेकिन छोटूराम नगर में हालात खराब हैं। जलभराव से लोग परेशान हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मौसम में बदलाव की आशंका से लोग चिंतित हैं। अधिकारी तटबंधों को मजबूत करने और पानी की निकासी में जुटे हैं।

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    मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों को ऊंचा करने में जुटे कामगार। जागरण

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। मुंगेशपुर ड्रेन के कटाव बंद होने के बाद अब प्रशासन का अमला इसके तटबंधों को ऊंचा करने में जुटा हुआ है। पिछले 48 घंटों में भले ही ड्रेन का जलस्तर कम हुआ हो, लेकिन अभी जलभराव से प्रभावित कुछ एरिया से पानी की निकासी नहीं हो रही है।

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    जैसे ही यह निकासी होगी तो फिर से ड्रेन का जलस्तर बढ़ने का अनुमान है। डस स्थिति में कोई दिक्कत न आए, इसी को लेकर ही एहतियात के तौर पर तटबंध ऊंचे किए जा रहे हैं। इस बीच सोमवार से लाइनपार क्षेत्र में स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जल निकासी का कार्य शुरू हो सकता है।

    ड्रेन टूटने की वजह से यह प्लांट दो सप्ताह से पानी में डूबा हुआ है। तभी से पूरी तरह बंद है। यहां पर ड्रेन और प्लांट में भरे पानी का लेवल एक हो रखा है। अब यहां से तटबंध में जो कटाव हो रखा था, उसको तो बंद किया जा चुका है।

    ऐसे में इस प्लांट को चालू करने पर जोर है। इसके चालू होने से ही आसपास की कालोनियों में जो जलभराव की आफत है, वह दूर हो सकती है। हालांकि पानी ज्यादा है तो इसकी निकासी में दो-तीन दिन का समय लग सकता है।

    सैकड़ों कामगार रोजाना 10 घंटे बहा रहे पसीना

    बहादुरगढ़ के एरिया में मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों पर अभी भी मिट्टी के कट्टे लगाए जा रहे हैं। ऐसे में रोजाना सैकड़ों कामगार 10 घंटों तक पसीना बहाते हैं। एक जगह मिट्टी भरकर कट्टे तैयार किए जाते हैं और फिर ट्रैक्टरों से जरूरी स्थानों पर उनको पहुंचाया जा रहा है।

    इस तरह से अभी भी सैकड़ों कामगारों के साथ प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। इसकी वजह यह है कि अभी काफी रकबे से पानी की निकासी शुरू होनी है। जब पानी का दबाव बढ़ेगा तो उस स्थिति के लिए मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है।

    छोटूराम नगर में हालात सबसे खराब

    मुंगेशपुर ड्रेन टूटने की वजह से दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बसी गीतांजलि कालोनी के अलावा बहादुरगढ़ के न्यू नेताजी नगर, वार्ड 18 की विवेकानंद नगर व धर्म विहार कालोनी और लाइनपार में छोटूराम नगर में आफत आई थी।

    गीतांजलि कॉलाेनी से जल निकासी के लिए तो दिल्ली का प्रशासन जुटा हुआ है। जबकि बहादुरगढ़ के वार्ड 18 से पार्षद और उनकी टीम के साथ प्रशासन ने भी जल निकासी के लिए व्यवस्था कर रखी है, मगर यहां ड्रेन का लेवल और नीचे आने के बाद ही पूरी तरह राहत मिलेगी।

    वहीं न्यू नेताजी नगर से परनाला के सरपंच प्रतिनिधि अशाेक राठी की ओर से अपने स्तर पर जल निकासी के लिए व्यवस्था की थी। छोटूराम नगर से अभी निकासी शुरू नहीं हो सकी है। पास में स्थित सीवरेज प्लांट भी पानी में डूबा है, इसलिए छोटूराम नगर में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं।

    यहां पर ड्रेन का जो पानी भरा है, वह तो दो सप्ताह से सड़ रहा है। ऊपर से उसमें सीवर की गंदगी भी घुली हुई है, क्योंकि सीवर की निकासी कहीं हो नहीं रही है और गंदगी बाहर ही आ रही है। यह और भी ज्यादा खतरनाक है।

    छोटूराम नगर के वार्ड 9 के एरिया से मनोज सिन्हा ने बताया कि हर घर में बीमार लोग हैं। बहुत ही ज्यादा स्थिति खराब है। अगर पानी की निकासी जल्द शुरू नहीं हुई तो बड़ी दिक्कत आ सकती है।

    फिर से बदल सकता है मौसम

    इस बीच मौसम विशेषज्ञाें का कहना है कि मौसम फिर से बदल सकता है। हाल ही में जिस तरह से तापमान में वृद्धि हुई है वह इसका संकेत है। सितंबर की शुरूआत में जब बारिश का दौर चला तो 2 सितंबर को अधिकतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया था, लेकिन अब यह 34 डिग्री पर है।

    इस सप्ताह में मौसम में बदलाव आने की संभावना है। इसमें हल्की बारिश भी हो सकती है। हालांकि अब बारिश की आशंका भर से शहर में जलभराव से प्रभावित लोग सहम जाते हैं।

    मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंधों से पानी का बहाव अब पूरी तरह बंद हो चुका है। जरूरी जगहों पर तटबंधों काे ड्रेन के हाई लेवल से और ऊंचा कर दिया गया, ताकि पानी की निकासी का दबाव बढ़े तो इसमें कोई दिक्कत न आए।

    -इशान सिवाच, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, बहादुरगढ़

    सोमवार से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की निकासी शुरू करने की तैयारी है। जब पानी निकासी हो जाएगी, फिर यह पता लगेगा कि अंदर कितना नुकसान हुआ है। बिजली पैनल के सुरक्षित मिलने की संभावना कम है।

    - नितिन कुमार, एसडीओ, जन स्वास्थ्य विभाग, बहादुरगढ़