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    बहादुरगढ़ में कुत्तों की नसबंदी मामले में अधिवक्ता ने उठाई विजिलेंस जांच की मांग, आठ जगह भेजी शिकायत

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 10:09 PM (IST)

    बहादुरगढ़ में कुत्तों की नसबंदी को लेकर विवाद गहरा गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नवीन सिंगल ने नसबंदी अभियान में अनियमितताओं का आरोप लगाते ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। शहर में कुत्तों की नसबंदी को लेकर उठे विवाद के बीच दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ने राज्य सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग निदेशक समेत आठ जगह शिकायत भेजी है और विजिलेंस जांच की मांग की है।

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    शहर निवासी एडवोकेट नवीन सिंगल ने ई-मेल से शहरी निकाय विभाग के सचिव, जिला उपायुक्त झज्जर, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआइ) के निदेशक, राज्य पशु कल्याण बोर्ड के सचिव, स्टेट विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक, एसीबी रोहतक के एसपी और नगर परिषद बहादुरगढ़ के कार्यकारी अधिकारी को भी यह शिकायत दी है।

    इसमें कहा है कि बहादुरगढ़ में तीन हजार कुत्तों की नसबंदी के लिए लगभग 36 लाख का ठेका नैन फाउंडेशन को दिया गया है लेकिन संस्था के पास इस कार्य के लिए पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के तहत आवश्यक एडब्ल्यूबीआइ की मान्यता नहीं है। इसके बावजूद अभियान शुरू कर दिया।

    पिछले कुछ दिनों में 25 से 30 कुत्तों को पकड़कर उनके इलाकों से हटाया गया। कुत्तों को मानवीय तरीके से पकड़ना, अधिकृत वाहनों में परिवहन, प्रशिक्षित स्टाफ और वैध दस्तावेज अनिवार्य हैं, लेकिन इन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा।

    जिस तरह से कार्य हो रहा है, वह पशु क्रूरता है। इस काम में लगे कर्मचारियों के पास आवश्यक प्रशिक्षण नहीं है। कुत्तों को 50 किलोमीटर दूर रोहतक ले जाया जा रहा है। जबकि नियमों के अनुसार कुत्तों को उसी क्षेत्र में नसबंदी कर टीकाकरण के बाद वापस छोड़ा जाना चाहिए।