ट्रंप के टैरिफ का हरियाणा पर बड़ा असर, अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को हो सकता है चार मिलियन डॉलर का नुकसान; पढ़ें कैसे?
अंबाला के साइंस उद्यमियों और निर्यातकों पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% टैरिफ का सीधा असर पड़ेगा। अंबाला के लगभग 40 निर्यातक अमेरिका में निर्यात करते हैं जिससे बड़े ऑर्डर पर संकट आ सकता है। सालाना चार मिलियन डॉलर का निर्यात होता है। साइंस उपकरणों पर 25% टैक्स लगने से उपकरणों के रेट बढ़ेंगे और ऑर्डर में कमी आएगी। निर्यातकों के सामने चुनौतियां बढ़ेंगी।

कुलदीप चहल, अंबाला। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ का सीधा असर अंबाला के साइंस उद्यमियों एवं निर्यातकों पर पड़ेगा। बढ़े हुए टैरिफ का मुकाबला करने की चुनौती बढ़ गई है। अंबाला के लगभग 40 निर्यातक अमेरिका में निर्यात करते हैं। अब बड़े ऑर्डरों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
चार मिलियन डॉलर का निर्यात
अंबाला की साइंस इंडस्ट्री के द्वारा बनाए गए उपकरणों की डिमांड सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं है, बल्कि विदेश में भी है। यूरोप, एशिया सहित अफ्रीकन देशों में अंबाला से साइंस उपकरण भेजे जाते हैं। अंबाला से सालाना करीब चार मिलियन डालर के करीब निर्यात है। यह इंडस्ट्री लगातार बढ़ रही है।
साइंस इंडस्ट्री के लिए अमेरिका अच्छा बाजार है। पहले तो साइंस उपकरणों पर टैक्स नहीं था, लेकिन अब यह 25 प्रतिशत हो चुका है, जिसे झेलना काफी मुश्किल होगा।
जिस तरह से अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है, उसका असर साइंस इंडस्ट्री पर भी पड़ेगा। उपकरणों के रेट बढ़ेंगे, जबकि इसका असर ऑर्डरों पर भी पड़ेगा। ऐसे में अंबाला से साइंस उपकरण एक्सपोर्ट करने वालों के सामने काफी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। - डा. आशावंत गुप्ता, साइंस उपकरण निर्यातक।
टैरिफ बढ़ने का असर अलग-अलग दिखाई देगा। बेशक अमेरिका को साइंस उपकरण भेजे जाते हैं, उनकी डिमांड में कमी न आए, लेकिन टैरिफ लगने के साथ ही उपकरणों के रेट में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में आर्डर भुगतान में दिक्कत हो सकती है, जबकि लोकल मार्केट में जो छोटे कारोबारी हैं और निर्यातकों को उपकरण देते हैं, उनके लिए भी दिक्कत खड़ी होगी। दूसरा विकल्प साइंस इंडस्ट्री के लिए यह है कि दूसरे देशों की ओर एक्सपोर्ट बढ़ा सकते हैं।
25% टैरिफ का असर अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को तो प्रभावित करेगा। माइक्रोस्कोप, ग्लासवेयर, एजुकेशनल किट्स, माप यंत्र जैसे उपकरणों पर टैरिफ पूरा असर डालेगा। यह भी हो सकता है कि वहां के कारोबारी अन्य देशों का रुख कर लें। उपकरणों के कोटेशन नए सिरे से होंगी। - सीए, गौरव गांधी ।
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