तरनतारन मामले में हरियाणा व दिल्ली से जुड़े हमलावरों के तार, अमृतसर में तलाशी अभियान, करनाल में बढ़ाई सुरक्षा
तरनतारन जम्मू-कश्मीर और राजस्थान राष्ट्रीय मार्ग स्थित थाना सरहाली पर गत शुक्रवार की रात राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला करने के बाद आतंकियों ने छह किलोमीटर की दूरी पर जाकर एक घर में दो घंटे तक शरण ली थी।

अंबाला, जागरण संवाददाता : तरनतारन जम्मू-कश्मीर और राजस्थान राष्ट्रीय मार्ग स्थित थाना सरहाली पर गत शुक्रवार की रात राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला करने के बाद आतंकियों ने छह किलोमीटर की दूरी पर जाकर एक घर में दो घंटे तक शरण ली थी। जिस घर में शरण ली थी, वहां के पालतू कुत्ते से पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं। साथ ही मोबाइल की लोकेशन के आधार पर दो हमलावरों के तार दिल्ली और हरियाणा से जुड़ रहे हैं। हालांकि, संबंधित आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर हैं। उधर, थाने के समीप एक दुकानदार से पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं, जिसके आधार पर जांच का रास्ता आसान हो सकता है।
हालांकि, थाना सरहाली पर आरपीजी हमले के पांच दिन बाद भी पुलिस सीधे नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। इसी के चलते स्पेशल सेल व काउंटर इंटेलीजेंस की टीमों को भी जांच में लगाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से संबंधित एक वरिष्ठ अधिकारी अपनी टीम के जरिये कुछ तथ्य जुटाने में कामयाब हुए हैं। मंगलवार की रात को हरियाणा के हिसार और करनाल क्षेत्र में पहुंची दो टीमों को कुछ सुराग लगे हैं। कनाडा बैठे तरनतारन के खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के आतंकी लखबीर सिंह लंडा के घर में एनआइए की टीम ने मंगलवार रात 1:30 बजे छापामारी की। लंडा के स्वजन से पूछताछ के बाद यह टीम फिरोजपुर रवाना हो गई।
अमृतसर में चलाया तलाशी अभियान, करनाल में बढ़ाई सुरक्षा:
उधर, लखबीर सिंह लंडा के चार गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बुधवार की सुबह अममृतर के मोहकमपुरा के कुछ इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। दो दर्जन से ज्यादा घरों की तलाशी ली गई, लेकिन पुलिस को कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। वहीं, हमले के तार करनाल से जुड़ने के बाद यहां भी थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट:
हमले के संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डीजीपी गौरव यादव से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। डीजीपी ने तरनतारन पुलिस से संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस की। इसमें डीजीपी द्वारा कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिसके आधार पर अब एसआइटी गठित की जा रही है। एसपी (इंवेस्टिगेशन) विशालजीत सिंह का कहना है कि आरपीजी हमले के आरोपितों का सुराग लगाने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है। पुलिस को कामयाबी भी मिल रही है, परंतु इस बाबत मीडिया को जानकारी देना संभव नहीं है।
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