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    3KM तक का लंबा जाम, कच्चे रास्तों पर आवाजाही और अरबों का नुकसान... 10 महीने से शंभू बॉर्डर बंद होने से लोग बेहाल

    Farmers Protest किसानों के आंदोलन की वजह से शंभू बॉर्डर लगभग 10 महीनों से बंद है। बॉर्डर बंद होने सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हो रही है। सैकड़ों वाहन रोजाना जाम में फंस रहे हैं। बॉर्डर बंद होने से अरबों रुपयों को नुकसान हो चुका है। बीते चार दिनों में दो बार किसान दिल्ली कूच का ऐलान कर आगे बढ़े लेकिन हरियाणा पुलिस ने रोक दिया।

    By Deepak Behal Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 10 Dec 2024 10:22 AM (IST)
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    शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण अंबाला आने के लिए जाम में फंसे वाहन। (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददाता, अंबाला। हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) बंद होने कारण रोजाना सैकड़ों वाहन जाम में फंस रहे हैं। तीन-तीन किलोमीटर का जाम लग रहा है। रोजाना कच्चे रास्तों से लोग आवाजाही करने को मजबूर हैं।

    पिछले दस माह रोजाना वाहन चालकों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। दो पहिया से लेकर चौपहिया वाहन रोजाना जाम में फंस रहे हैं। इतना ही नही अंबाला शहर में कारोबार तक बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

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    आखिरकार यह समस्या का समाधान कब होगा, किसी को कुछ पता। हरियाणा सीमा पर पुलिस और फोर्स डटी है तो पंजाब सीमा में किसान बैठे हैं। चार दिनों में दो बार किसान दिल्ली कूच का ऐलान कर आगे बढ़े लेकिन हरियाणा पुलिस ने रोक दिया।

    13 फरवरी से बंद है बॉर्डर

    पुलिस का तर्क है कि बिना अनुमति आगे नहीं जाने दिया जाएगा। दोनों दिन बॉर्डर पर तनावपूर्ण हालात रहे। किसानों ने बेरिकेड्स और कंटीली तारें उखाड़ कर फेंक दी तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले गिराए। 13 फरवरी 2024 से बॉर्डर बंद है जिसके खुलने का हर वर्ग इंतजार कर रहा है। लेकिन अभी भी स्थिति जस की तस है।

    बॉर्डर बंद होने से अरबों का हो चुका है नुकसान

    किसान दिल्ली कूच का इरादा नहीं बदल रहे और राज्य सरकार बिना अनुमति दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दे रही। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा और बातचीत भी हुई, लेकिन रास्ता नहीं निकला।

    (शंभू बॉर्डर से पहले वाहनों को गाइड करते हुए पुलिस)

    बॉर्डर बंद होने से अरबों रुपयों का नुकसान हो चुका है और रोजाना लोगों को मौत के कच्चे रास्तों से आवाजाही करनी पड़ रही है। पंजाब सीमा पर डटे किसानों ने ट्रैक्टर ट्रालियों में ही आशियाना बना रखा है।

    अंबाला का कपड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित

    बॉर्डर बंद होने से अंबाला शहर का कपड़ा उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा अन्य कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। सबसे अहम बात यह है कि शंभू बॉर्डर के दोनों ओर, हरियाणा व पंजाब, कारोबार ठप होता जा रहा है।

    यहां से रोजाना करीब 60 हजार वाहन निकलते हैं, जिनको लंबे रूट से जाना पड़ रहा है। इसके लिए डीजल और पेट्रोल की खपत भी बढ़ गई है। नेशनल हाईवे का टोल प्लाजा भी बंद पड़ा हे, जिसके चलते करोड़ों का नुकसान हो चुका है। जो फोर्स हरियाणा सीमा पर तैनात है, उसका भी खर्चा हो रहा है।

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    वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद

    शंभू बॉर्डर सील होने के कारण वाहनों आवाजाही पूरी तरह से बंद है। वाहन चालकों के लिए बॉर्डर बंद होना आफत बन चुका है। दूसरे रास्तों से आवाजाही तो हुई लेकिन इन रास्तों पर जाम भी झेलना पड़ रहा है। पंजाब से अंबाला सटा होने के कारण अंबाला शहर में खरीददारी करने आते हैं।

    सोना, कपड़ा की खरीददारी काफी बड़े पैमाने पर होती है। इतना ही नहीं हाईवे पर (बैरियर के आसपास) जो ढाबे, पेट्रोल पंप, शराब ठेकों पर भी इसका असर पड़ा है। आवाजाही बंद होने के कारण यह सब लगभग ठप पड़ा है।

    दूसरी ओर कानून व्यवस्था न बिगड़ जाए इसलिए हरियाणा सरकार ने केंद्र से आग्रह कर कंपनियां मंगवाई थीं। कंपनियां बार्डर पर डटी हैं। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के भी जवान फोर्स के साथ तैनात हैं। सभी कर्मचारियों को सिर्फ बॉर्डर पर पहरेदारी का वेतन और टीए/डीए देना मजबूरी बना हुआ है। फोर्स के खानपान और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी इंतजाम करने पड़ रहे हैं।

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