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    अब अफसरों को भी गाड़ियों पर लगानी होगी पीली नंबर प्लेट, रेलवे को एक-एक गाड़ी का देना होगा हिसाब

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 07:41 PM (IST)

    Haryana Latest News रेलवे में अधिकारियों के लिए आउटसोर्स से ली गई गाड़ियों की नंबर प्लेट बदलकर पीली लगानी होगी। जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) सुशील कुमार ने रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस खेल से चार राज्यों को राजस्व का नुकसान हो रहा है। अब रेलवे को एक-एक गाड़ी का हिसाब डीटीओ विभाग को देना होगा।

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    भारत सरकार की नंबर प्लेट लगाकर देश के राज्यों के राजस्व को पहुंचा रहे थे नुकसान (जागरण फोटो)

    दीपक बहल, अंबाला। Haryana Latest News: रेलवे में अफसरों के लिए आउटसोर्स से ली गई गाड़ियों की नंबर प्लेट बदलकर पीली लगानी होगी। जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) सुशील कुमार ने रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

    रेलवे में टेंडर पर ली गई गाड़ियाें पर भारत सरकार की नंबर प्लेट लगाकर चार राज्यों के राजस्व को नुकसान हो रहा है। यदि यह खेल एक साल से अधिक पुराना पाया गया, तो राजस्व को लेकर हुए नुकसान की रिकवरी भी की जा सकती है। अब रेलवे को एक-एक गाड़ी का हिसाब डीटीओ विभाग को बताना होगा कि किस कंपनी से कब-कब और कितनी गाड़ियां आउटसोर्स से ली गई हैं।

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    रेलवे और कंपनियों के बीच हुए एग्रीमेंट से इस खेल का पर्दाफाश हो जाएगा कि यह खेल कब से चला आ रहा है। अब सिर्फ अफसरों और अन्य गाड़ियों की नंबर प्लेट ही नहीं बदलेगी, बल्कि राजस्व चोरी की भरपाई भी कंपनी को करनी पड़ सकती है।

    पहले भी किया जा चुका खबर का प्रकाशन

    बता दें कि 'रेलवे में खेल ... कामर्शियल गाड़ियों पर ''भारत सरकार''' लिखी प्लेट से चार राज्यों को चूना शीर्षक से बुधवार को समाचार प्रकाशित किया गया था। दरअसल, रेलवे के पास करीब 70 गाड़ियां टेंडर प्रक्रिया कर ली गई हैं।

    करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपये विभिन्न कंपनियों का प्रतिमाह रेलवे के खजाने से कंपनियों को दिया जाता है। इन गाड़ियों पर नियमों के अनुसार पीली कामर्शियल प्लेट होनी चाहिए, लेकिन एसडीएम कार्यालय द्वारा जारी की गई रजिस्ट्रेशन नंबरों पर ही यह गाड़ियां चल रही हैं।

    एसडीएम कार्यालय में वन-टाइम टैक्स जमा हो जाता है, जो रेलवे में चल रही गाड़ियों का हुआ है। इन में से कुछ गाड़ियां तो अंबाला एसडीएम कार्यालय से रजिस्टर्ड हैं, तो कुछ चंडीगढ़ से हैं। जबकि कामर्शियल गाड़ियों का टैक्स वन टाइम नहीं जमा होता है और गाड़ी जिन राज्यों में जाती है, उनका भी टैक्स जमा करवाना होता है।

    अंबाला रेल मंडल की सीमा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ तक है। ऐसे में यह गाड़ियां इन राज्यों में जाती हैं, लेकिन टैक्स जमा नहीं हो रहा।

    यह खेल लंबे समय से चल रहा है, जिसको लेकर अब आरटीए विभाग ने नोटिस जारी किया है। दूसरी ओर सीनियर डीसीएम नवीन कुमार झा का कहना था कि इस मामले को लेकर कंपनी से पत्राचार कर जवाब मांगा जाएगा।

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    मकैनिकल अफसर की गाड़ी अंबाला में, हो सकता है चालान

    दैनिक जागरण ने जिस गाड़ी का खुलासा किया है, उस पर चंडीगढ़ का नंबर रजिस्टर्ड है। इस गाड़ी पर सीएच01सीएन7889 नंबर अंकित है। यह गाड़ी बिना टैक्स के हरियाणा में प्रवेश नहीं करती, बल्कि डीआरएम कार्यालय परिसर में खड़ी रहती है।

    ऐसे में नियमों को ताक पर रखकर सड़कों पर दौड़ रही इस गाड़ी का चालान भी हो सकता है। सिर्फ यही गाड़ी नहीं है बल्कि इसके अलावा कई गाड़ियां हैं, जिन पर चंडीगढ़ तो कुछ पर अंबाला कैंट का नंबर रजिस्टर्ड है।

    रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है: डीटीओ

    डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि रेलवे को गाड़ियों के संबंध में नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। यह गाड़ियां रेलवे ने किस प्रक्रिया के तहत ले रखी हैं। जवाब आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। नियम के अनुसार ही कार्रवाई की जा रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई कर रहे हैं।

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