Haryana Politics: अनिल विज ने कारण बताओ नोटिस का क्या दिया जवाब? मोहन लाल बडौली ने तोड़ी चुप्पी
हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने परिवहन मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी होने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अनिल विज हमारे वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी की रीति-नीति पर चलने वाले हैं। अनिल विज को हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में नोटिस जारी किया गया था।
जागरण संवाददाता, अंबाला। परिवहन मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी होने पर हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अनिल विज हमारे बहुत वरिष्ठ नेता हैं, उनके कोई कड़े तेवर नहीं है। वे पार्टी की रीति नीति पर चलने वाले हैं।
बता दें कि हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में पार्टी ने कैबिनेट मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब देने के लिए उन्हें तीन दिनों का समय दिया था।
क्या लिखा था नोटिस में?
हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि आपने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं। यह गंभीर आरोप है और यह पार्टी की नीति तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ है।
आपका यह कदम न केवल पार्टी के विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह उस समय पर हुआ है जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनाव के लिए अभियान चला रही थी। चुनाव के समय में एक सम्मानित मंत्री पद वहन करते हुए इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा यह जानते हुए भी आपने ये बयान दिए हैं और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
क्या था अनिल विज का बयान
अनिल विज ने मुख्यमंत्री के उड़नखटोले पर सवार होने तथा नीचे उतरकर जनता की सुनवाई करने का बयान देने के साथ ही कसौली दुष्कर्म कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली से इस्तीफा मांगा था।
मुख्यमंत्री नायब सिंह के मंत्रिमंडल में अनिल विज बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री हैं। मंत्रियों के पोर्टफोलियो में उनका नंबर मुख्यमंत्री के बाद दूसरा है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में भी अनिल विज दूसरे नंबर के सबसे वरिष्ठ मंत्री थे।
मनोहर लाल के साथ उनकी कई साल तक खटपट रही। उस समय अनिल विज के पास गृह मंत्रालय था। मनोहर लाल के बाद जब नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तब विज को मंत्री नहीं बनाया गया था।
राज्य में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह के मंत्रिमंडल में अनिल विज के विभागों में कटौती कर दी गई थी।
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