Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: छात्रसंघ के बहाने चुनाव की तैयारियों में जुटी जजपा, फिल्ड में उतरे दिग्विजय सिंह चौटाला

    By Swati SinghEdited By: Swati Singh
    Updated: Fri, 31 Mar 2023 05:55 PM (IST)

    Haryana News भाजपा सरकार में साझीदार होने के बावजूद जजपा ने जहां छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग जोरदार ढंग से उठानी शुरू कर दी वहीं करीब 50 प्रतिशत टिकट युवाओं को देने की बात कही है। अपने इस मिशन को लेकर जजपा के प्रधान महासचिव फील्ड में उतर पड़े हैं।

    Hero Image
    छात्रसंघ के चुनाव की तैयारियों में जुटी जजपा

    अंबाला, जागरण संवाददाता। हरियाणा में भाजपा के साथ-साथ उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) भी चुनाव की तैयारी में जुट गई है। 2024 में युवाओं की सरकार बनाने का नारा देते हुए जजपा ने छात्र-छात्राओं व युवाओं को अपने साथ जोड़ने पर फोकस किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिग्विजय सिंह ने उठाया युवाओं में दम भरने का जिम्मा

    भाजपा सरकार में साझीदार होने के बावजूद जजपा ने जहां छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग जोरदार ढंग से उठानी शुरू कर दी, वहीं करीब 50 प्रतिशत टिकट युवाओं को देने की बात कही है। अपने इस मिशन को लेकर जजपा के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला फील्ड में उतर पड़े हैं। दिग्विजय का हाल ही में विवाह हुआ है। उन्हें पार्टी का फायरब्रांड नेता कहा जाता है। दिग्विजय सिंह ने युवाओ से वोट डालने की अपील करते हुए जजपा को जीताने की बात कही है। 

    दुष्यंत चौटाला के नाम के आगे से डिप्टी हटाना है

    दिग्विजय जहां भी जा रहे हैं, वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों व युवाओं को कह रहे हैं कि अगली बार दुष्यंत चौटाला के नाम के आगे से डिप्टी हटाना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में दुष्यंत डिप्टी सीएम हैं। दिग्विजय के इन बयानों से जजपा की रणनीति साफ है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी को दरकिनार कर वह सत्ता में आकर एकछत्र राज करना चाहती है 

    कोरोना की वजह से नहीं हुए चुनाव

    हरियाणा में दो साल तक कोरोना की वजह से छात्रसंघ के चुनाव नहीं हो पाए हैं। दिग्विजय जिस भी जिले में छात्रों के बीच जा रहे हैं, वहीं कह रहे हैं कि अब कोरोना खत्म हो गया है, इसलिए छात्रसंघ के चुनाव कराए जाने चाहिए।

    पिछली बार भी दिग्विजय के दबाव में ही सरकार छात्र संघ चुनाव कराने को तैयार हुई थी। हालांकि बाद में भाजपा के सहयोगी संगठन विद्यार्थी परिषद ने छात्र संघ के चुनावों का समर्थन करते हुए दावा किया था कि उनकी बात मानी गई है।