हरियाणा सरकार के पूर्व कर्मचारी के साथ मनमानी! सुपर डीलक्स फ्लैट न देने पर HC की फटकार; देना होगा 5 लाख का मुआवजा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के एक पूर्व कर्मचारी को सुपर डीलक्स फ्लैट आवंटित न किए जाने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता को मनमाने और रिकॉर्ड के विपरीत कारणों से फ्लैट देने से इनकार कर दिया गया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के एक पूर्व कर्मचारी को ‘सुपर डीलक्स’ फ्लैट आवंटित न किए जाने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस विकास सूरी की पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता को मनमाने और रिकॉर्ड के विपरीत कारणों से फ्लैट देने से इनकार कर दिया गया।
याचिकाकर्ता यशेन्द्र सिंह, जो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में कार्यरत थे, ने 2005 में सुपर डीलक्स फ्लैट के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें डीलक्स श्रेणी का फ्लैट आवंटित किया गया। 2018 में गवर्निंग बॉडी ने निर्णय लिया था कि फ्लैट उपलब्ध होते ही उन्हें सुपर डीलक्स श्रेणी में अपग्रेड किया जाएगा।
कर्मचारी के साथ हुई मनमानी
इसके बावजूद, 2021 में उपलब्ध फ्लैट अन्य कर्मचारियों को दे दिए गए जबकि याचिकाकर्ता को नजरअंदाज कर दिया गया। सिंह ने कोर्ट में कहा कि अन्य लोगों को प्राथमिकता दी गई जबकि वे पहले से इस श्रेणी के लिए पात्र थे। उन्होंने 2018 के निर्णय को लागू करने और 2021 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की।
कोर्ट ने माना कि सिंह शुरू में फ्लैट के लिए पात्र नहीं थे, लेकिन बाद में उनकी वेतनमान पात्रता बन चुकी थी और उन्हें फ्लैट मिलना चाहिए था। हालांकि, अब फ्लैट का आवंटन हो चुका है, इसलिए कोर्ट ने उसमें हस्तक्षेप करने से इनकार किया, लेकिन याचिकाकर्ता को न्याय देने के लिए मुआवजे का आदेश दिया।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा जमा की गई राशि को 8% वार्षिक ब्याज सहित लौटाया जाए।
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