हरियाणा के IAS डी सुरेश के खिलाफ चलेगा भ्रष्टाचार का केस, मनोहर लाल सरकार ने ACB को दी अनुमति
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार का केस चलाने की मांग सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस अनुमति के बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो को सूचित कर दिया गया है। एफआइआर केवल एंटी करप्शन ब्यूरो के केस नंबर-12 में दर्ज है। इस एफआइआर में पहले प्राइवेट लोगों के नाम थे।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा के सीनियर आइएएस अधिकारी डी सुरेश द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के प्रमुख शत्रुजीत कपूर की प्रदेश सरकार को की गई शिकायत कोई काम नहीं आई। हाई कोर्ट में कपूर को कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी बता चुकी प्रदेश सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को डी सुरेश के विरुद्ध भ्रष्टाचार का केस चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है।
प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो बुधवार को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल करेगा। डी सुरेश के विरुद्ध तीन केस चल रहे हैं, जिनमें से दो में अभी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। डी सुरेश फिलहाल दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में आवास आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। हरियाणा सरकार ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17ए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी है।
जिस केस में यह अनुमति दी गई है, वह गुरुग्राम में एक प्राइवेट स्कूल को जमीन आवंटन से जुड़ा है, जिसमें सरकार को करीब 25 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस जमीन आवंटन में मोटी रिश्वत लिए जाने का आरोप है।
ACB ने सरकार से मांगी थी केस चलाने की अनुमति
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार का केस चलाने की मांग सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस अनुमति के बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो को सूचित कर दिया गया है। एफआइआर केवल एंटी करप्शन ब्यूरो के केस नंबर-12 में दर्ज है। इस एफआइआर में पहले प्राइवेट लोगों के नाम थे। जांच के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो को डी सुरेश की भूमिका नजर आई तो उनका भी नाम एफआइआर में जोड़ा गया।
इसी तरह से केस नंबर-13 और 14 में अभी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। ये दोनों मामले भी प्लाट आवंटन से जुड़े हैं। डी सुरेश 2019 के दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक थे। केस नंबर-12 गुरुग्राम में एक प्राइवेट स्कूल को जमीन आवंटन से जुड़ा है। इस स्कूल ने एक एकड़ जमीन के लिए अप्लाई किया था। मुख्य प्रशासक द्वारा स्कूल को डेढ़ एकड़ जमीन अलाट की गई, वह भी 1992 की दरों के हिसाब से। एंटी करप्शन ब्यूरो के आरोप हैं कि जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ है। इसीलिए ब्यूरो ने सरकार को पत्र लिखकर डी सुरेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत कार्रवाई करने की अनुमति मांगी थी।
सरकार की हाई लेवल बैठक में हुई डी सुरेश पर चर्चा
पिछले सप्ताह को शुक्रवार को डी सुरेश के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा चलाने की अनुमति देने अथवा नहीं देने के संबंध में हरियाणा निवास में हाई लेवल बैठक हुई थी। मुख्य सचिव संजीव कौशल, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अलावा एडवोकेट जनरल आफिस के प्रतिनिधि के तौर पर एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सब्बरवाल इस बैठक में मौजूद रहे। इसके बाद नियम-17ए को लेकर एडवोकेट जनरल से कानूनी राय भी ली गई।
मंगलवार को एडवोकेट जनरल की राय के साथ फाइल सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) फाइल पहुंची। सीएमओ से अनुमति के बाद यह फाइल मुख्य सचिव कार्यालय पहुंची। मुख्य सचिव की ओर से अनुमति की चिट्ठी एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजने की खबर है। अब एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से बुधवार को जस्टिस विनोद भारद्वाज की कोर्ट में इस केस को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
डी सुरेश ने शत्रुजीत कपूर पर लगाए थे आरोप
पिछले दिनों डी सुरेश ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आई एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका आरोप है कि उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश हो रही है। साथ ही, उन्होंने मांग की थी कि इस मुद्दे पर आइएएस एसोसिएशन की जनरल बाडी की बैठक बुलाई जाए और उसमें यह पूरा मामला रखा जाए, लेकिन उनकी कोई बात स्वीकार नहीं की गई।
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