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    हरियाणा 500 करोड़ फ्रॉड केस: साइबर क्राइम पंचकूला करेगी मामले की जांच; आरोपी धर्मवीर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 10:34 AM (IST)

    हरियाणा (Haryana News) में 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले की जांच अब साइबर क्राइम पंचकूला को सौंप दी गई है। इस मामले में आरोपी धर्मवीर की अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। निवेशकों को आरोपियों की गिरफ्तारी और अपनी खून-पसीने की कमाई की वसूली का इंतजार है। यह घोटाला पांच राज्यों और चंडीगढ़ के लोगों को धोखा देकर किया गया था।

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    हरियाणा में 500 करोड़ के घोटाले की जांच अब साइबर क्राइम पंचकूला करेगी। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, अंबाला। Haryana News: 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में आरोपी धर्मवीर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है, और अब इस केस की तफ्तीश साइबर क्राइम पंचकूला को सौंपी गई है। पहले यह मामला सीआईए-2 अंबाला के पास था।

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    साइबर क्राइम करेगी जांच

    साइबर क्राइम पंचकूला की टीम अब इस मामले की गहराई से जांच करेगी। निवेशकों को अब इस बात का इंतजार है कि मामले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उनकी मेहनत की कमाई वापस दिलाई जाए।

    यह ठगी इस तरीके से की गई कि पांच राज्यों समेत चंडीगढ़ के कई लोगों को धोखा दिया गया और शातिर अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। अभी तक इस मामले में कोई भी रिकवरी नहीं हुई है, जबकि मामला दर्ज हुए साढ़े आठ महीने से ज्यादा का समय हो गया है।

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    इन लोगों पर मामला दर्ज

    महेश नगर थाना पुलिस ने राकेश सैनी, सचिन, विपिन चौहान, प्रिंस कौशिक आदि की शिकायत पर सुखदेव सिंह, पुनीत धीमान, सतीश कश्यप, धर्मवीर राणा, चिराग आहूजा, राजिंदर कुमार, पुनीत आहूजा, तरुण साही, राजकुमार राणा, मदनपाल सिंह, हरप्रीत पाल सिंह, संजीव राणा, सिराज अहमद, अमदपी सिंह, अभिषेक, संजीव शर्मा, परमजीत सिंह, अमित के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस केस के मुख्य आरोपी सुखदेव के विदेश भागने की भी आशंका है।

    निवेश के नाम पर धोखा

    आरोपियों ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर यह सारा फ्रॉड किया। जिसने भी इन शातिरों के झांसे में आकर इन्वेस्ट किया, उन्हें 6% प्रति माह प्रॉफिट या डिविडेंड और सालाना 72% रिटर्न का लालच दिया।

    ऐसे देते थे झांसा

    अलग-अलग होटलों में जाकर प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन देते थे। इन लोगों ने 'स्टेक इट' नाम के साथ एक ऐप बनाया था, जिसमें वॉलेट बनाकर देते थे। इस ऐप से पैसे कैसे निकालने हैं, इसकी जानकारी नहीं दी जाती थी। अंबाला से ही सैकड़ों लोगों ने इन्वेस्ट किया, जबकि अब यह सभी शातिर फरार हैं।

    टीम बनाकर करते थे काम

    पंद्रह लोगों की टीम को तैयार किया गया था, जो अधिकतर पंचकूला के होटलों में प्रेजेंटेशन देते थे। यही नहीं, लोगों को झांसे में लाने के लिए सेमिनार के दौरान टीम लीडर्स को हीरे और सोने की अंगूठियां तक दी जाती थीं। इन शातिरों का नेटवर्क हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान में फैला हुआ था। सूत्रों का कहना है कि फ्रॉड से इकट्ठा की गई राशि से शातिरों ने प्रॉपर्टी भी खरीदी।

    इस मामले की जांच सीआईए टू पुलिस अंबाला को दी गई थी। महेश नगर पुलिस ने 20 जुलाई 2024 को केस दर्ज किया था। इसके बाद कुछ और शिकायतकर्ता सामने आए थे। बीते साढ़े आठ महीनों में इस केस की जांच तो हुई, लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।

    अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज

    शिकायतकर्ता पक्ष से वकील अखिल शर्मा ने बताया कि अंबाला के रहने वाले एक आरोपी धर्मवीर की अग्रिम जमानत अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है। मामले की जांच सीआईए-2 अंबाला से साइबर क्राइम पंचकूला को सौंप दी गई है, जो इस मामले की आगे जांच करेगी। दो महीने के भीतर साइबर क्राइम पंचकूला अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी।

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