'मंत्री जी, मैं टूट चुकी हूं, प्रिंसिपल रोज...'; महिला शिक्षिका ने अनिल विज से की प्रताड़ना की शिकायत
अंबाला में एक शिक्षिका ने मंत्री अनिल विज के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके संस्थान के प्रिंसिपल उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और अश्लील टिप्पणियाँ कर रहे हैं। शिक्षिका ने बताया कि प्रिंसिपल उन्हें हॉट कहते हैं और अश्लील संदेश भेजते हैं। विरोध करने पर वह चरित्र पर सवाल उठाते हैं।

उमेश भार्गव, अंबाला। मैं शिक्षिका हूं... पर पिछले एक साल से केवल अपमान सह रही हूं। मंत्री जी, मैं हाथ जोड़कर आपसे प्रार्थना करती हूं। मेरी पीड़ा अब सहने लायक नहीं रही। पिछले एक साल से मेरे संस्थान के प्रिंसिपल ने मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया है। वो न केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है, बल्कि मुझे अश्लील टिप्पणियों और संदेशों से बार-बार अपमानित करता है।
ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज के समक्ष छावनी के एक राजकीय शिक्षण संस्थान में कार्यरत शिक्षिका ने कुछ इसी अंदाज में अपनी पीड़ा बयां की। शिक्षिका मंत्री विज के पास बतौर फरियादी पहुंची कहा कि मेरे पति पिछले पांच साल से बीमार हैं, घर की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है।
मेरा कार्यस्थल जहां मुझे इज्जत और सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए, वहीं पर मेरे साथ अब ऐसी अश्लील हरकतें हो रही हैं। जबसे इस प्रिंसिपल ने कार्यभार संभाला है, तबसे उसने मेरे हर दिन की शांति और रातों का सुकून छीन लिया है। शिक्षिका का दर्द सुनकर और उनके द्वारा वॉट्सऐप पर प्रिंसिपल द्वारा भेजे गए मैसेज देखने के बाद शिक्षिका को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही मंत्री विज ने इस मामले में केस दर्ज करने की सिफारिश एसपी से कर दी।
इस तरह लिखी हैं शिकायत में शिक्षिका ने अपनी बातें
मंत्री विज को दी शिकायत में शिक्षिका लिखती हैं कि वो (प्रिसिंपल) ऑफिस में कहता है- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो, तुम बहुत...भी लग रही हो। कई बार उसने इस तरह की बात कही, जिससे मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। वो मुझे वॉट्सऐप पर भी अश्लील संदेश भेजता है।
कई बार मुस्कुराते हुए मुझसे ऐसी बातें करता है, जिनके दो अर्थ होते हैं, जो वह भी अच्छे से समझता है... और मैं असहज हो जाती हूं। जब मैंने विरोध किया तो वह मेरे चरित्र पर सवाल उठाने लगा और विभाग के अन्य अफसरों के साथ मेरा नाम जोड़ने लगा।
तुम्हारी ट्रेनिंग बाहर करवा दूंगा, चलो एक साथ घूमेंगे और रहेंगे
शिक्षिका ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि उसने करीब तीन महीने पहले भी यह बातें अधिकारियों को बताई थी, लेकिन एक बड़े अफसर ने उसे दबा दिया। क्योंकि प्रिंसिपल की ऊपर तक सेटिंग हैं और वह राजनीतिक दबाव भी बनाता है। प्रिंसिपल उसे कहता है कि तुम्हारी ट्रेनिंग दूसरे जिले में लगवा देता हूं। वहां हम दोनों एक साथ घूमेंगे और एक साथ ही रहेंगे।
शिक्षिका ने लिखा है कि 1997-98 में भी उसने ऐसी ही अश्लील हरकत की थी जोकि सर्विस रिकॉर्ड में भी दर्ज है। लेकिन राजनीति में अच्छा प्रभाव होने के कारण प्रिंसिपल ने उस केस को भी दबा दिया।
होली पर मेरे साथ जो हुआ, वह मेरे आत्मसम्मान पर चोट थी
मंत्री विज को शिक्षिका ने बताया कि होली पर उसने बार-बार मना किया, हाथ जोड़े, लेकिन फिर भी प्रिंसिपल ने सबके सामने जबरदस्ती मुझे रंग लगाया, अन्य कर्मचारी इस बात के गवाह हैं। उस दिन मैं पूरी तरह टूट गई थी।
मंत्री जी, मैं केवल एक शिक्षिका हूं, अपने काम से प्रेम करती हूं। लेकिन यह सब सहते-सहते अब मेरी हिम्मत जवाब दे रही है। मैं बस इतना चाहती हूं कि मुझे न्याय मिले और मैं फिर से इज्जत के साथ अपना काम कर सकूं।
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