पंजाब के आंदोलन से हरियाणा के किसानों ने क्यों किया किनारा? पढ़िए शंभू बॉर्डर का पूरा घटनाक्रम
हरियाणा के किसान संगठनों ने पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच से किनारा कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) भारतीय किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दूरी बना ली है। इधर सोनीपत में भी 20 गांवों के सरपंच दिल्ली कूच के विरोध में उतर आए। शंभू बॉर्डर पर किसान और हरियाणा पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों के बीच तनातनी देखने को मिली।

जागरण टीम, अंबाला/हिसार। शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच के लिए निकले पंजाब के किसानों को हरियाणा के किसान संगठनों ने किनारा कर लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन आंदोलन में साथ नहीं है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी), भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दूरी बना ली।
इधर, सोनीपत में भी 20 गांवों के सरपंच दिल्ली कूच के विरोध में उतर आए। उनका कहना था कि किसी भी हालत में किसानों को हरियाणा में टेंट नहीं लगाने देंगे। वहीं, शंभू बॉर्डर पर किसान और हरियाणा पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों के बीच तनातनी से हरियाणा सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी गई। इससे राहगीरों को परेशानी हुई। अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद होने से लोग परेशान रहे।
किसान की मांगों का समर्थन, आंदोलन से दूरी
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के दिल्ली कूच को लेकर शुरू किए गए आंदोलन से अलग हैं। इस आंदोलन में शामिल किसान संगठनों ने उन्हें इसमें शामिल नहीं किया है।
हालांकि वह इन किसानों की ओर से उठाई जा रही किसान हित की मांगों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इन किसानों से बातचीत करे और बातचीत से इसका हल निकाला जाए। इधर, किसान सभा भी दिल्ली कूच में शामिल नहीं हुई।
किसान सभा हिसार के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा से अभी दिल्ली कूच के लिए कोई नहीं गया। वहीं, टीकरी बॉर्डर को सील करने के लिए तैयारी हो गई।
यदि किसान यहां तक आते हैं तो उन्हें आगे जाने से रोकने के लिए इंतजाम किए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से कंटेनर, बैरिकेड्स, मिट्टी की बोरियां सब जुटा ली गईं। ओवरहेड पर लाउड स्पीकर लगा दिए गए।
दिन भर पुलिस के तंबू लगते रहे। अभी यहां कोई तैनाती नहीं है। किसानों के जत्थे हरियाणा में प्रवेश करते ही टीकरी बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा। टीकरी बॉर्डर पर ही हरियाणा पुलिस भी निगरानी कर रही है।
कांग्रेसी सांसद ने संसद भवन परिसर में किया प्रदर्शन
हरियाणा के कांग्रेस सांसदों ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित संसद भवन के परिसर में किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और नारों के माध्यम से केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे थे कि आंदोलनकारी किसानों से बातचीत की जाए।
सांसदों का कहना था कि किसान अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। पहले उन्हें ट्रैक्टर-ट्रालियों से जाने से रोका गया, लेकिन अब किसान पैदल दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं, मगर सरकार ने उन्हें जाने से रोक दिया। यह लोकतंत्र नहीं है।
नई दिल्ली स्थित संसद के परिसर में रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला के सांसद वरुण मुलाना, हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी और सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर किसानों से बातचीत करने का दबाव बनाया।
सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा इन प्रदर्शनकारी सांसदों के साथ नजर नहीं आई, हालांकि सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद जरूर कांग्रेस के चारों सांसदों के साथ किसानों के समर्थन में नारे लगाते हुए देखे गए। हरियाणा के कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।
वे भी इस प्रदर्शन के दौरान मौजूद नहीं थे। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर आंदोलन खत्म कराया था, लंबे समय के इंतजार के बाद भी किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है।
दिल्ली में जंतर मंतर पर देश भर से लोग अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आंदोलन करने आते हैं।
नायब सैनी ने भगवंत मान को दी सलाह
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में हरियाणा के नहीं, बल्कि पंजाब के किसान ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों के लिए हमारी सरकार बहुत कुछ कर रही है। राज्य के किसानों की सौ प्रतिशत फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जा रही हैं।
नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह दी कि वे अपने राज्य के किसानों की समस्याओं का समाधान करें। उन्हें हरियाणा की तरह एमएसपी दें व धरना स्थल पर किसानों के बीच जाकर उनकी बात को सुनें।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में प्रशासनिक बैठकों के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के लिए बहुत कुछ कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फसलों पर एमएसपी बढ़ाई है।
कांग्रेस सरकार पांच रुपये क्विंटल एमएसपी बढ़ाती थी, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इसे सैकड़ों रुपये में बढ़ाया है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को यह शोभा नहीं देता कि वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसानों के कंधों का इस्तेमाल करें। हरियाणा सरकार किसानों को निरंतर मजबूत कर रही है।
यह भी लगाए आरोप
नायब सैनी ने कहा कि किसी भी राज्य में किसानों के खराब हालात के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। विपक्ष के सांसद तख्तियां तो उठा रहे हैं, लेकिन उनको उन तख्तियों पर अपने कार्यकाल की भी जानकारी देनी चाहिए थी कि जब वे राज में थे, तब किसानों पर किस तरह से अत्याचार किया करते थे और किस तरह से एक से दो रुपये तक फसल खराबे के मुआवजे के रूप में देते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि उनकी सरकार के दौरान किसानों का कितना सुधार हुआ है।
'दिल्ली कूच के आंदोलन से मोर्चा का सीधा संबंध नहीं'
भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष जोगेंद्र नैन ने कहा कि पंजाब के किसानों के दिल्ली जाने के आंदोलन से वैसे तो संयुक्त किसान मोर्चे का सीधा संबंध नहीं है, लेकिन किसान की इस लड़ाई में सबकी मांगें साझी हैं।
आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे की राष्ट्रीय स्तर की वीडियो कांफ्रेस में आगामी रणनीति के में बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। उस समय तक पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच और सरकार की कार्रवाई के निचोड़ का भी पता लग जाएगा।
दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति
दातासिंहवाला बॉर्डर पर शांति है। किसानों के पैदल कूच के फैसले को देखते हुए बॉर्डर पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात है। दिल्ली-पटियाला मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है। पंजाब की तरफ से हरियाणा आने के लिए उझाना गांव में रास्ता है। यहां भी पुलिस तैनात है।
नरवाना में सिरसा ब्रांच जींद रोड पर भी नाका लगाया गया है। अब दातासिंहवाला बॉर्डर के अलावा दो अन्य जगह नाकेबंदी की हुई है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि पहले किसानों को पैदल जाने के लिए कहा जा रहा था, अब इससे भी रोका जा रहा है। किसानों का सिर्फ शंभू बॉर्डर से ही आगे बढ़ने का कार्यक्रम है।
आंदोलनकारी किसानों को जीटी रोड पर नहीं लगाने देंगे टेंट
राई ब्लाक के सरपंचों, कुंडली नपा पार्षदों और ब्लाक समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलनकारी किसानों के विरोध का फैसला लिया है।
राई स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में संयुक्त बैठक में सरपंचों ने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारी अगर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाए तो उन्हें कुंडली में टेंट लगाकर बैठने नहीं दिया जाएगा और उनसे वापस लौटने का आग्रह करेंगे।
अगर किसी किसान संगठन के पदाधिकारी जबरदस्ती बैठने का प्रयास करेंगे तो सरपंचों की अगुवाई में ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलनकारियों को हटाने का काम करेंगे।
ब्लाक सरपंच एसोसिएशन प्रधान बिल्लू, नवीन के पदाधिकारियों ने दैनिक जागरण को बताया कि पिछली बार दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके बाद किसान कुंडली बॉर्डर पर बैठ गए थे, जिससे क्षेत्र में काम धंधे सब ठप हो गए थे।
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