हरियाणा में जल्द लॉन्च होगा ई-कुबेर, अंबाला से होगी शुरुआत; सालाना सरकार के बचेंगे करोड़ों रुपये
हरियाणा में ई-कुबेर (अर्बन को-आपरेटिव बैंक) की शुरुआत 15 अप्रैल से अंबाला से होगी। इसके बाद अन्य जिलों में भी इसे लॉन्च किया जाएगा। ई-कुबेर लांच होने से ट्रेजरी और विभागों के बीच से बैंकों को हटा दिया जाएगा। ई-कुबेर लांच होने से बैंक वाला सारा काम ट्रेजरी और रिजर्व बैंक ही करेगा। इससे प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का सालाना लाभ होगा।

उमेश भार्गव, अंबाला शहर। चंडीगढ़ व अन्य राज्यों की तर्ज पर अब प्रदेश में भी ई-कुबेर (अर्बन को-आपरेटिव बैंक) लॉन्च होगा। प्रदेश में अंबाला से इसकी शुरुआत 15 अप्रैल से की जाएगी। इसके बाद अन्य जिलों में भी इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। इसके लिए ट्रेजरी के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दिला दी गई है। ई-कुबेर लांच होने से ट्रेजरी और विभागों के बीच से बैंकों को हटा दिया जाएगा।
विभाग से बिल जनरेट होने के बाद फिजिकल बिल ट्रेजरी और ट्रेजरी से ई-कुबेर के जरिए सीधे रिजर्व बैंक से उसकी पेमेंट हो जाएगी। पहले फिजिकल बिल ट्रेजरी में आने के बाद ट्रेजरी उसका ईपीएस यानि इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम नंबर जारी करता था फिर डीडीओ की डोंगल से वेरिफाई करवाने के बाद ट्रेजरी के ईपीएस को बैंक में देना पड़ता था और बैंक के माध्यम से बिल पास होता था।
ट्रेजरी से ही पास होंगे बिल
ई-कुबेर लॉन्च होने से बैंक वाला सारा काम ट्रेजरी और रिजर्व बैंक ही करेगा। ट्रेजरी से ही बिल पास होंगे और ट्रेजरी से ही रुपये भी रिजर्व बैंक के माध्यम से सीधे संबंधित विभाग के खाते में भेज दिए जाएंगे। इस तरह बैंक को बीच से हटा दिया जाएगा। इससे प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का सालाना लाभ होगा।
प्रत्येक एंट्री के बैंक को देने पड़ते हैं 45 रुपये
वर्तमान में प्रत्येक एंट्री करने पर बैंक को सरकार 45 रुपये देती है यानि एक बिल की पेमेंट करवाने पर 45 रुपये सरकार बैंक को देती है। अंबाला जिले की बात करें तो हर महीने औसतन 1250-1300 बिल ट्रेजरी से पास होकर बैंक में जाते थे।
इस तरह हर महीने करीब 56 हजार 250 से 58500 रुपये और सालाना औसतन करीब 6.75 लाख रुपये लेकर करीब 7 लाख रुपये केवल अंबाला से बचेंगे। इस तरह प्रदेशभर में हर साल करोड़ों रुपये का राजस्व ई-कुबेर लांच होने से बचेगा।
10 करोड़ रुपये तक प्रतिदिन पेमेंट करने में बैंक सक्षम
बता दें कि बैंक के जरिए अधिकतम प्रतिदिन 10 करोड़ तक ही पेमेंट हो सकती है। इससे ज्यादा की पेमेंट करने में बैंक सक्षम नहीं होते लेकिन ई-कुबेर लांच होने से यह बाधा खत्म हो जाएगी क्योंकि सारी पेमेंट सीधे ही रिजर्व बैंक से होगी।
इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष के आखिर में खातों का मिलान करना भी चुनौती हो जाता है। लेकिन बैंक बीच से हटने के बाद इसी तरह की दिक्कतें ही खत्म हो जाएंगी क्योंकि सभी खातों में सीधे पेमेंट ही रिजर्व बैंक से होगी लिहाजा मिलान करने संबंधित दिक्कतें भी खत्म हो जाएंगी।
किसानों की पेमेंट ई-कुबेर से होगी
इस बार गेहूं के सीजन में किसानों की जितनी भी पेमेंट होगी वह बैंक के माध्यम से न होकर ई-कुबेर से ही होगी। ऐसे में कायस लगाए जा रहे हैं कि इस बार अंबाला के किसानों को अपनी गेहूं की राशि का भुगतान जल्द मिल जाएगा।
बैंकों में नहीं पड़ा रहेगा करोड़ों रुपया
वर्तमान में बहुत सी पेमेंट ऐसी होती है जोकि बैंकों में ही सालभर पड़ी रहती है क्योंकि उसे लेने वाला ही कोई नहीं आता। इस बारे में बैंक हर साल संबंधित जिला ट्रेजरी से पत्राचार भी करते हैं। प्रत्येक जिले में ऐसी करोड़ों रुपये की राशि होती है। ई-कुबेर से यह समस्या खत्म हो जाएगी क्योंकि यह राशि रिजर्व बैंक में ही रहेगी।
ई-कुबेर से क्या लाभ होंगे
- - ई-कुबेर भारतीय रिजर्व बैंक का एक बैंकिंग समाधान है। यह सरकारी भुगतान और अन्य लेन-देन के लिए बनाया गया है।
- - ई-कुबेर की मदद से, देश के सभी बैंकों के एकल चालू खाते जोड़े जा सकते हैं।
- - यह प्रणाली सभी कार्य दिवसों पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
- - विभागों के कर्मचारियों को ट्रेजरी और ट्रेजरी से बैंक के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे।
- - भुगतान का समय घटेगा और कर्मचारियों की एनर्जी धक्के खाने की बजाए कार्य में बढ़ेगी।
15 अप्रैल से अंबाला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां ई-कुबेर लांच होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में ट्रेजरी और रिजर्व बैंक के बीच मध्यस्थता कर रहे बैंकों को बीच से हटा दिया जाएगा। बैंक वाली सारी प्रक्रिया ट्रेजरी करेगी और पेमेंट सीधे रिजर्व बैंक के माध्यम से होगी। प्रत्येक एंट्री के अभी बैंक को 45 रुपये देने पड़ते हैं। ऐसे में सरकार का करोड़ों रुपया तो बचेगा ही साथ ही साथ पेमेंट जल्दी हो जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दे दी गई है।
सुनीता गोस्वामी, जिला खजाना विभाग अधिकारी।
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