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    Karnal News: दिन के उजाले में सफेद यूरिया का काला धंधा, सैकड़ों कट्टे डकार गए कर्मचारी; अफसरों को नहीं लगी भनक

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 07:33 AM (IST)

    Karnal News अंबाला मंडल के खन्ना रेलवे स्टेशन की साइडिंग (जहां से मालगाड़ी लोड होती है) पर मालगाड़ी के पास ट्रक लाया गया और यूरिया के सैकड़ों कट्टे लोड कर भेज दिए गए। बाद में आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज कर एक-एक कर सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं खन्ना से ही 145 कट्टों की बरामदगी भी दिखा दी गई।

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    Karnal News: दिन के उजाले में सफेद यूरिया का काला धंधा, सैकड़ों कट्टे डकार गए कर्मचारी

    अंबाला, दीपक बहल। रेलवे कर्मचारी आरपीएफ से मिलीभगत कर गुपचुप यूरिया के सैकड़ों कट्टे डकार गए। अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। अंबाला मंडल के खन्ना रेलवे स्टेशन की साइडिंग (जहां से मालगाड़ी लोड होती है) पर मालगाड़ी के पास ट्रक लाया गया और यूरिया के सैकड़ों कट्टे लोड कर भेज दिए गए।

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    कारगुजारी से पर्दा उठा तो कमर्शियल विभाग और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई क्योंकि इस दौरान इन्हीं की ड्यूटी थी। बाद में अपनी गर्दन फंसती देख आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज कर एक-एक कर सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

    इतना ही नहीं खन्ना से ही 145 कट्टों की बरामदगी भी दिखा दी गई। हालांकि सिर्फ एक ही विभाग की मिलीभगत से इतना बड़ा खेल होना गले से नहीं उतर रहा।

    यह यूरिया कहां से आया था और किस कारोबारी का था, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। रेलवे की साइडिंग पर प्राइवेट ट्रक का आना यह बता रहा है कि इस खेल की निष्पक्ष जांच की जाए तो कई और नाम सामने आ सकते हैं।

    ऐसे दिया वारदात को अंजाम 

    खन्ना रेलवे स्टेशन की साइडिंग से फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआइ) की बोरियां लोड होनी थीं। इसके लिए मालगाड़ी साइडिंग पर लग गई।

    कर्मचारियों को मालगाड़ी के निरीक्षण के दौरान एक डिब्बे में यूरिया के कट्टे मिल गए। नियमानुसार कर्मचारियों को इसकी सूचना अंबाला डीआरएम कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम को देनी थी। इससे यह चेक किया जा सकता था कि यह मालगाड़ी कहां से आई है? इन कट्टों का मालिक कौन है? कर्मचारियों का ईमान डोल गया और इसे डकार गए। किसी निजी ट्रक को साइडिंग पर बुलाया और लेबर भी पहुंची।

    एक-एक कर कट्टे को ट्रक में लोड कर दिया गया। लोडिंग-अनलोडिंग के दौरान कामर्शियल विभाग के साथ आरपीएफ की ड्यूटी भी लगाई जाती है ताकि कोई गड़बड़ी न हो जाए। एफसीआइ का माल लोड होना था, तो आरपीएफ भी मौके पर तैनात होगी ही।

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    इसके बावजूद प्राइवेट ट्रक आया और यूरिया के कट्टों को लोड करके चला गया। सूत्रों का कहना है कि कामर्शियल विभाग के कर्मचारियों ने आपस में बंदरबांट भी कर ली। इसके कुछ दिन के बाद आरपीएफ के अफसरों को मामले की भनक लगी तो जांच बैठाई गई।

    ट्रक चालक गिरफ्तार

    काले धंधे की परतें खुलतीं चली गईं। सबसे पहले आरपीएफ ने उस ट्रक चालक को गिरफ्तार किया, जिसके ट्रक में यूरिया लोड होकर गया था। इसके बाद 145 कट्टे बरामद कर लिये।

    अभी यह भी पता नहीं चल पाया कि कट्टे कितने थे? माल बरामद हो गया, लेकिन इस माल का मालिक कौन है, उस तक आरपीएफ नहीं पहुंच पाई।

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    यह सीधे तौर पर रेलवे के सरकारी खजाने पर सेंध लगी है, क्योंकि असली मालिक का पता चलने के बाद जितने दिन माल डिब्बे में रहा उसका वारफेज/डैमरेज चार्ज किया जाएगा। आरपीएफ इस मुकदमे में माल बरामद कर वाहवाही तो लूट रही है, लेकिन मालिक तक अभी नहीं पहुंच पाई है।

    आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट नीतिश शर्मा ने बताया कि नई साइडिंग स्टेशन से थोड़ी दूर है। लोडिंग और अनलोडिंग पर ही आरपीएफ के जवान जाते हैं। यूरिया कहां से आया था, इसकी जांच की जा रही है।

    मामले में 7 गिरफ्तार

    इंस्पेक्टर खन्ना के सरहिंद में कार्यरत आरपीएफ के इंस्पेक्टर गुलशन ने बताया कि इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी मामले में खन्ना के चौकी इंचार्ज ने फोन के बजाय खुद मिलकर कुछ बताने की बात कही है।

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