'माइक बंद कर दिया जाता था...मेरी आवाज काफी है', एक बार फिर अनिल विज का दिखा अलग अंदाज; क्यों दिया ये बयान?
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। अंबाला में एक बार फिर विज का अलग अंदाज देखने को मिला। बाला नगर परिषद सदन की पहली बैठक में उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ और उपसमितियां गठित की गईं। इस दौरान पार्षदों और अधिकारियों के बीच नियमों को लेकर बहस हुई। हरियाणा के मंत्री अनिल विज भी बैठक में पहुंचे और अलग ही अंदाज में बोले।
जागरण संवाददाता, अंबाला। नगर परिषद अंबाला सदर हाउस की पहली बैठक में जहां उपाध्यक्ष को चुना गया, वहीं उपसमितियों का गठन भी हुआ। इस दौरान काफी कुछ हुआ, जबकि नियमों को लेकर पार्षदों व अधिकारियों के बीच बहसबाजी भी हुई।
उपसमितियों के गठन से पहले ही प्रदेश के परिवहन, ऊर्जा और श्रम मंत्री अनिल विज भी मीटिंग के दौरान पहुंच गए। यहां पर जैसे ही पहुंचे, तो पत्रकारों ने भी ललता प्रसाद के उपाध्यक्ष चुने जाने पर दो शब्द कहने को कह दिया और माइक आगे कर दिया। विज अपने ही अंदाज में बोले।
विज बोले- मेरी कुर्सी कहां है...
हुआ यूं कि अनिल विज उस समय मीटिंग में पहुंचे, जब उपाध्यक्ष पद का चुनाव हो चुका था और उपसमितियों का गठन किया जाना था। अधिकारियों ने विज का स्वागत किया। विज जैसे ही पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने पूछा कि मेरी कुर्सी कहां पर है। इस पर अधिकारियों ने उनको कुर्सी दी। जैसे ही कुर्सी पर बैठे तो कुछ ही देर बाद पत्रकारों ने उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर विज से अपनी बात रखने को कहा।
अपने ही अंदाज में बोले अनिल विज
पत्रकारों ने जैसे ही माइक को आगे किया गया, तो वे अपने ही अंदाज में बोले मुझे माइक की जरूरत नहीं है। विधानसभा में भी जब विपक्षी विधायक के तौर पर बोलता था, तो माइक बंद कर दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि मेरी आवाज ही काफी है, मुझे माइक की जरूरत नहीं है। इस दौरान जब निर्दलीय पार्षदों ने भी अपनी बात रखनी शुरू की, तो विज ने उनका भी समर्थन किया और कहा कि हाउस की बैठक में सभी को बोलने का हक है और किसी को बोलने से रोका नहीं जाना चाहिए।
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