अंबाला में सड़क सुरक्षा बनी चुनौती, एक लाख से अधिक वाहनों के किए गए चालान
अंबाला में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। जनवरी से नवंबर 2025 तक 1.04 लाख चालान और 38 हजार से अधिक ओवरस्पीड वाहनों के आंकड़े सामने आए ह ...और पढ़ें

अंबाला में सड़क सुरक्षा बनी चुनौती, एक लाख से अधिक चालान और हजारों ओवरस्पीड वाहन आए सामने (File Photo)
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। 1 लाख 4 हजार 339 चालान, 92 लाख 84 हजार 300 रुपये का जुर्माना और 38 हजार से ज्यादा ओवरस्पीड वाहन। ये आंकड़े किसी अभियान की नहीं, बल्कि अंबाला की सड़कों पर बढ़ते खतरे की तस्वीर बयां कर रहे हैं। जनवरी से नवंबर 2025 तक सामने आए ये आंकड़े बताते हैं कि लापरवाही अब भी हादसों की सबसे बड़ी वजह बनी हुई है।
इन्हीं चिंताजनक तथ्यों के बीच एनआइसी कार्यालय के सभागार में बुधवार को सड़क सुरक्षा समिति की अहम बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता आरटीए सचिव सुशील कुमार ने की। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि यातायात नियम केवल चालान के लिए नहीं, बल्कि जान बचाने के लिए हैं। नियमों की पालना से ही सड़क दुर्घटनाओं में वास्तविक कमी लाई जा सकती है।
11 महीने में दुपहिया वाहनों के 3376 चालान
बैठक में सामने आया कि बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना आज भी आम है। इसी कारण 11 महीनों में 3376 चालान किए गए, जबकि 1956 मामले नशे में वाहन चलाने के दर्ज हुए। आरटीए सचिव ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि हेलमेट न पहनने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि अधिकतर मौतें इसी लापरवाही से होती हैं। सड़कों पर मौजूद खतरों
सड़कों से ट्रांसफार्मर हटाने के निर्देश
आरटीए सचिव ने बिजली निगम को निर्देश दिए गए कि सड़क के बीच या किनारे लगे खंभों व ट्रांसफार्मरों को तुरंत हटाया जाए। जहां हटाना संभव न हो, वहां रिफ्लेक्टर टेप लगाना अनिवार्य किया गया, ताकि धुंध और रात के समय हादसे न हों। राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने अवैध कट भी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बने हुए हैं।
इस पर एनएचएआइ के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ऐसे सभी कट तुरंत बंद किए जाएं। वहीं लोक निर्माण विभाग और संबंधित एजेंसियों को धुंध के मौसम को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर सफेद पट्टियां, सुरक्षा संकेतक और चेतावनी बोर्ड लगाने के आदेश दिए गए।
धुंध में तय गति सीमा में चलाएं वाहन
आरटीए सचिव ने वाहन चालकों से भी सीधी अपील की कि वे धुंध में तय गति सीमा के भीतर ही वाहन चलाएं, अनावश्यक यात्रा से बचें और अपने वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप अवश्य लगवाएं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन की जिम्मेदारी केवल चालान काटना नहीं, बल्कि हर नागरिक को सुरक्षित घर पहुंचाना है। बैठक में स्कूल वाहन पालिसी की भी समीक्षा की गई और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े नियमों में किसी तरह की ढील न देने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर एसडीएम दर्शन कुमार, एसडीएमए शिवजीत भारती, एसडीएम विनेश कुमार, एसडीएम सतिंद्र सिवाच, कार्यकारी अभियंता रितेश गोयल, जसविंद्र मलिक, एसएचओ ट्रैफिक जोगिंद्र कुमार, एनएचएआइ से पुलकित कटारिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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