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    महज 3 साल में ट्रेनी केबिन क्रू से बनीं कंपनी की डायरेक्टर, फिर क्यों उठाया गीतिका ने सुसाइड जैसा खौफनाक कदम

    By Rajat MouryaEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 25 Jul 2023 04:59 PM (IST)

    Geetika Sharma Suicide Case गीतिका शर्मा सुसाइड केस में गोपाल कांडा को बरी कर दिया गया है। गीतिका शर्मा ने 2012 में सुसाइड की थी। गीतिका ने सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसमें गोपाल कांडा और एक अन्य पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। गीतिका शर्मा ने एमडीएलआर एयरलाइंस कंपनी में बतौर ट्रेनी केबिन क्रू अपने करियर की शुरुआत की। कांडा ने इस कंपनी को 2008 में शुरू किया था।

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    महज 3 साल में ट्रेनी केबिन क्रू से बनीं कंपनी की डायरेक्टर, फिर क्यों उठाया सुसाइड जैसा खौफनाक कदम

    चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। Geetika Sharma Biography दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और एक अन्य आरोपित को बरी कर दिया। गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में कार्यरत थी। गीतिका 5 अगस्त, 2012 को उत्तर पश्चिम दिल्ली में अपने अशोक विहार आवास पर मृत पाई गई थी। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मंगलवार को फैसला सुनाया और मामले में दोनों आरोपितों गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

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    कौन थीं गीतिका शर्मा?

    गीतिका शर्मा ने पांच अगस्त, 2012 को उत्तम पश्चिम दिल्ली स्थित अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका शर्मा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। गीतिका ने आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका ने गोपाल कांडा पर गलत नजर रखने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। अरुणा चड्ढा को 8 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, गोपाल कांडा को इसके चलते 18 महीने जेल में भी रहना पड़ा था और तत्कालील हुड्डा मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा।

    गोपाल कांडा के संपर्क में कैसे आईं गीतिका शर्मा?

    दरअसल, गोपाल कांडा ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में खूब संघर्ष देखा। गोपाला कांडा ने सबसे पहले टीवी रिपेयरिंग का काम शुरू किया था। इसके बाद कुछ पैसे लगाए और जूते-चप्पलों की दुकान खोली। फिर गोपाल कांडा ने साल 2008 में एयरलाइन कंपनी खोली। बस यहीं से शुरू हुई गीतिका और गोपाल कांडा की कहानी। गोपाल कांडा ने अपनी कंपनी में भर्तियां शुरू की थी। इसी दौरान गीतिका ने गोपाल कांडा की कंपनी में नौकरी के लिए अप्लाई किया।

    छह महीने में ट्रेनी केबिन क्रू से एयर होस्टेस

    गीतिका को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। बताया जाता है कि उसी समय से गोपाल कांडा गीतिका पर मेहरबान था। कांडा ने पहले ही इंटरव्यू में ही गीतिका को सिलेक्ट कर लिया और ट्रेनी केबिन क्रू का ऑफर लेटर दे दिया। नौकरी को सिर्फ छह ही महीने हुए थे और कि गोपाल कांडा ने गीतिका को एयर होस्टेस बना दिया। जिस पोस्ट के लिए अन्य लोग सालों मेहनत करते थे वो गीतिका को महज 6 महीने में मिल गई।

    गीतिका शर्मा तीन साल में बन गईं कंपनी की डायरेक्टर

    गोपाल कांडा की मेहरबानी यहीं खत्म नहीं हुई। गीतिका को तीन साल की नौकरी के बाद कंपनी का डायरेक्टर तक बना दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके बाद से ही गीतिका का शोषण होने लगा था। कुछ समय बाद ही गीतिका ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया और दुबई चली गई। हालांकि, कुछ समय बाद गोपाल कांडा ने गीतिका से संपर्क किया और दोबारा नौकरी ज्वाइन करने की बात कही। लेकिन साथ में एक शर्त भी रखी।

    पुलिस के मुताबिक, गोपाला कांडा ने शर्त रखी थी कि गीतिका को रोज शाम को काम खत्म होने के बाद उससे मिलना होगा। इसी सबसे परेशान होकर गीतिका ने आत्महत्या करने का फैसला लिया और 5 अगस्त को उनके दिल्ली के आवास से उनकी लाश मिली।

    गीतिका की मां ने भी की सुसाइड

    गीतिका शर्मा की आत्महत्या से उसका पूरा परिवार सदमे में था। गीतिका की मौत से सबसे बड़ा धक्का उनकी मां को लगा था। गीतिका की मौत के छह महीने बाद उन्होंने भी आत्महत्या कर ली। गोपाल कांडा पर ही आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा।

    वहीं, अब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गीतिका शर्मा सुसाइड केस में गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले से गीतिका के भाई काफी दुखी हैं। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से उन्हें काफी दुख पहुंचा है।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    गीतिका शर्मा एक एयर होस्टेस थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी से की थी। गीतिका को तीन साल में ही कंपनी का डायरेक्टर बना दिया गया था।

    गीतिका शर्मा ने पांच अगस्त, 2012 को उत्तम पश्चिम दिल्ली स्थित अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका शर्मा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। गीतिका ने आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था।

    गोपाल कांडा ने गीतिका शर्मा को अपनी एयरलाइन कंपनी में बतौर ट्रेनी केबिन क्रू रखा था। छह महीने बाद ही गोपाल कांडा ने गीतिका शर्मा को एयर होस्टेस बना दिया था। इसके बाद गीतिका शर्मा तीन साल में कंपनी की डायरेक्टर बन गई थीं