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    Ambala News: गोशाला के लिए प्रस्तावित जमीन पर मोबाइल टावर लगाने को लेकर विवाद, दो संस्थानों में टकराव

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 04:06 PM (IST)

    अंबाला छावनी में मदन मंदिर के समीप नंदीशाला की प्रस्तावित जमीन पर टावर लगाने को लेकर दो संस्थाओं में विवाद हो गया है। रामबाग गोशाला कमेटी जमीन पर अपना मालिकाना हक जता रही है और सुधार सभा ने आय बढ़ाने के लिए टावर लगाने का समझौता किया है। फिलहाल कमेटी ने काम रुकवाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है।

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    नंदीशाला के लिए प्रस्तावित जमीन पर मोबाइल टावर लगाने पर बवाल, दो संस्थाओं में टकराव। सांकेतिक तस्वीर

    दीपक बहल, अंबाला। अंबाला छावनी के मदन के मंदिर के पास नंदीशाला के लिए प्रस्तावित बेशकीमती जमीन पर टावर लगाने पर दो संस्थाओं में टकराव हो गया और आमने-सामने आ गईं। करीब एक एकड़ जमीन पर रामबाग गोशाला कमेटी अपना मालिकाना हक जता रही है और इस जमीन की जीएलआर भी संस्था के पास होने का दावा कर रही है।

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    संस्था का तर्क है कि दिन के उजाले में ही जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया और बिना जानकारी के ही एक मोबाइल कंपनी से टावर लगाने का एग्रीमेंट तक कर दिया। खैर, रामबाग रोड गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने काम रुकवा दिया और गेट पर ताला लगा दिया है। इतना ही नहीं, अंबाला छावनी की हाउसिंग बोर्ड पुलिस चौकी में लिखित शिकायत भी दे दी है और रजिस्ट्री व जीएलआर की प्रतिलिपि भी साथ लगा दी है।

    दूसरी ओर, रामबाग सुधार सभा ने तर्क दिया कि संस्था की आमदनी बढ़ाने के लिए यह एग्रीमेंट किया था। दोनों संस्थाएं अब आपस में बैठकर इस उलझे मामले को सुलझाएंगी।

    10 एकड़ जमीन है गोशाला और श्मशान की

    अंबाला छावनी के रामबाग रोड पर करीब 10 एकड़ जमीन है, जिसमें रामबाग रोड गोशाला कमेटी द्वारा गऊशाला का संचालन होता है, जबकि इसके अलावा मदन का मंदिर के आसपास की जमीन का टुकड़ा भी कमेटी का ही है। श्मशानघाट की रामबाग सुधार सभा वरिष्ठ एडवोकेट केएल सहगल के नेतृत्व में देखरेख करती है। मदन के मंदिर के पास करीब एक एकड़ जमीन है, जहां पर कमेटी नंदीशाला खोलना चाहती है।

    यहां पर बैलों के लिए जगह दी जानी है, जबकि इसकी चारदीवारी भी की गई है। इस जमीन पर रेत, बजरी, ईंटें और सरिया गिरा दिया गया, जिसकी सूचना मिलते ही कमेटी के पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। पदाधिकारियों ने मौके पर मौजूद ठेकेदार से पूछा कि यह सामान किसका है और क्या बनाया जा रहा है। ठेकेदार ने कहा कि किसी कंपनी ने टावर लगाने का उनको टेंडर दिया है, जिसके बाद कमेटी के पदाधिकारी हैरान रह गए।

    कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि जमीन कमेटी के नाम पर है तो किसकी अनुमति से टावर लगाया जा रहा है। ठेकेदार ने रामबाग सुधार सभा का नाम लिया, जिसके बाद पदाधिकारियों ने काम रुकवा दिया और हाउसिंग बोर्ड पुलिस चौकी में शिकायत दे दी।

    कमेटी ने गेट पर ताला जड़ दिया है और सामग्री भीतर ही है। हालांकि, शटरिंग का सामान जाने दिया गया। अब दोनों संस्थाओं के बीच टकराव है। फैसला आपसी बातचीत से निकलेगा या पुलिस चौकी में इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है।

    'रामबाग रोड गोशाला कमेटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री'

    रामबाग रोड गोशाला कमेटी के राजेश सिंगला ने बताया कि कमेटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री हो रखी है। जीएलआर की प्रतिलिपि उनके पास है, जो पुलिस चौकी में दे दी है। उन्होंने कहा कि रामबाग सुधार सभा ने बिना कमेटी की अनुमति से मोबाइल कंपनी से एग्रीमेंट कर लिया।

    इस जमीन पर नंदीशाला खोली जानी है। ऐसे में टावर किसकी अनुमति से लगाया जा रहा है। काम को रुकवा दिया गया है, क्योंकि जमीन का मालिकाना हक हमारी कमेटी के पास है।

    संस्था की आमदनी के लिए एग्रीमेंट किया : एडवोकेट सहगल

    वरिष्ठ एडवोकेट केएल सहगल ने बताया कि हमारी संस्था रामबाग सुधार सभा पंजीकृत संस्था है। जमीन पर टावर लगाने के लिए संस्था ने ही मंजूरी दी थी, जिसके बाद एग्रीमेंट किया गया। उन्होंने कहा कि संस्था के पास अनुदान नहीं आता।

    सिर्फ एग्रीमेंट का उद्देश्य आमदनी बढ़ाना है न कि किसी तरह का कब्जा करना। उन्होंने कहा कि जमीन के दस्तावेज चेक कर लिए जाएंगे और बैठकर जो भी रास्ता निकलेगा, उसका समाधान किया जाएगा।