हरियाणा में कुट्टू के आटे से बना पकवान खाना पड़ा महंगा, बिगड़ गई 120 लोगों की तबीयत; सभी अस्पताल में भर्ती
नवरात्र के पहले दिन अंबाला और यमुनानगर में 120 से अधिक व्रतधारियों को मिलावटी भोजन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुट्टू और सामक के चावल से बनी रोटियों और पूरी खाने के बाद लोगों को पेट दर्द उल्टी दस्त और कंपकंपी की समस्या हुई। खाद्य सुरक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है और पांच सैंपल लिए हैं।

जागरण टीम, अंबाला/यमुनानगर। पहले नवरात्र पर रविवार को कुट्टू व सामक के चावल और उसके आटे से बनी रोटियां, पूरी खाने से अंबाला और यमुनानगर जिले में 120 व्रतधारी बीमार हो गए। आस्था के भोजन में मिलावट की वजह से इन लोगों को अस्पताल पहुंचना पड़ा।
अंबाला में 27 और यमुनानगर में 93 लोग बीमार हुए हैं। नवरात्र में कृपा ये रही कि अधिकतर व्रतधारियों को प्राथमिक उपचार के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यमुनानगर में बीमार होने वाले लोग साढौरा व आसपास के गांव के हैं। इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।
लोगों को हुई ये समस्याएं
बीमार हुए लोगों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और कंपकंपी हुई। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने करियाना दुकानों व जिस चक्की से आटा सप्लाई हुआ, वहां से पांच सैंपल लिये हैं। फिलहाल 21 मरीज अस्पताल में दाखिल हैं। इनमें से आठ साढौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 13 बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
बीमार हुए सभी लोगों ने अलग-अलग दुकानों से आटा खरीदा था। इन दुकानों पर भी आटा खारा कुआं साढौरा स्थित भाटिया चक्की से सप्लाई हुआ था। जब लोगों के बीमार पड़ने की सूचना फैली तो यह दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भाग निकले। सोमवार को भी करियाना की दुकानें बंद रही।
अधिकारियों ने आटा चक्की का लिया सैंपल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अमित चौहान टीम के साथ सैंपलिंग करने के लिए पहुंचे। वह सबसे पहले भाटिया चक्की पर पहुंचे। आगे का दरवाजा बंद होने के कारण टीम पीछे के रास्ते अंदर पहुंची। वहां से आटे के दो सैंपल लिये। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई होगी।
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अभी तक यही सामने आया कि पुराना आटा मिक्स किया गया है। साढौरा निवासी कुलदीप ने बताया कि रविवार दोपहर को उनके परिवार ने सामक के चावलों के आटे से बनी पकौड़ी और पूड़ी खाई थी। फिर तबीयत बिगड़ गई।
अंबाला में 23 तो बराड़ा में 4 ने खाया था कुट्टू का आटा
पहले नवरात्र पर कुट्टू और सामक के चावल व रोटी खाने से 23 लोगों की हालत बिगड़ गई। जो उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। इनमें से पांच लोग मुलाना के रहने वाले हैं। जबकि 18 अंबाला शहर के रहने वाले हैं। वहीं बराड़ा कस्बे में भी चार व्रतधारी इसी वजह से बीमार पड़े। इन सभी का उपचार चल रहा है।
22 जिलों में सिर्फ नौ खाद्य सुरक्षा अधिकारी
प्रदेश के 22 जिलों में कुल नौ खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं वह भी पशुपालन विभाग से डेपुटेशन पर लिये गए हैं। इनमें डॉ. योगेश कादियान, डॉ. पवन, डॉ. अमित चौहान, डॉ. विरेंद्र सिंह, डॉ. राजेश छाबड़ा, डॉ. आजाद सिंह, डॉ. रमेश चौहान, डॉ. राजेश वर्मा और डॉ. राजीव शर्मा शामिल हैं। ज्यादातर अधिकारियों के पास तीन-तीन जिले हैं।
ऐसे में दुकानदार और मिलावटखोर त्योहारी सीजन में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। अंबाला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास तीन जिले हैं जिनमें जींद और रोहतक भी शामिल हैं। रोहतक से अंबाला की दूरी ही 250 किलोमीटर है। ऐसे में 10 घंटे तो अधिकारी को आने-जाने में ही लग जाता है। सुरक्षा करना तो दूर की बात है।

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