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    Haryana News: कार का 40, कॉमर्शियल वाहनों का 100 रुपये बढ़ा टोल, एक अप्रैल से लागू; चालकों की जेबें होंगी ढीली

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 09:52 PM (IST)

    हरियाणा के अंबाला में स्थित टोल प्लाजा पर 1 अप्रैल 2025 से टोल दरों में बढ़ोतरी होने जा रही है। कार जीप जैसे वाहनों पर 40 रुपये और कॉमर्शियल वाहनों पर 100 रुपये तक की बढ़ोतरी की जाएगी। इस बढ़ोतरी से दिल्ली से चंडीगढ़ और दिल्ली से लुधियाना जाने वालों को ज्यादा पैसे देने होंगे। डेढ़ साल बाद यह बढ़ोतरी की गई है।

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    हरियाणा के तीन टॉल प्लाजा पर बढ़े रेट। फाइल फोटो

    दीपक बहल, अंबाला। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने एक अप्रैल 2025 से टोल प्लाजा में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। कार, जीप जैसे वाहनों पर 40 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, वहीं कॉमर्शियल वाहनों में सौ रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है।

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    इन टोल में करनाल का घरौंडा, अंबाला घग्गर नदी और सैनीमाजरा का टोल शामिल है। ऐसे में दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले को चार टोल पर अपनी जेबें हल्की करनी होंगी।

    जबकि, दिल्ली से लुधियाना जाने वालों को पांच टोल पर शुल्क देना होगा। सिर्फ सिंगल यात्रा में ही नहीं, मासिक पास के शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है। कॉमर्शियल वाहनों के लिए एक्सेल के हिसाब से दरों में वृद्धि की गई है।

    अंबाला के घग्गर नदी के पास फरवरी 2024 से किसान धरने पर बैठ गए थे, जिसके चलते यह टोल बंद था। एक सितंबर 2024 से इस टोल की दरों में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन उस समय नहीं हो पाई।

    अब एक सितंबर की जगह यहां पर भी एक अप्रैल 2025 से ही दरों में बढ़ोतरी की गई है। एक दिन में करीब 70 हजार वाहन इस टोल से निकलते हैं। ऐसे में टोल बंद होने के चलते 70 लाख का रोजाना नुकसान हो रहा था।

    पानीपत का टोल न तो हटा और न ही मर्ज हुए

    इन तीन टोल के अलावा पानीपत के टोल का मामला संसद में उठा था। करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया ने मामला उठाया था। तर्क था कि करनाल के घरौंडा और दिल्ली की ओर भिगान में अन्य टोल हैं।

    ऐसे में लोगों पर बढ़ रहे आर्थिक बोझ को लेकर सांसद ने आवाज उठाई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी सहमति जताई थी। ये तीनों टोल कम दूरी पर थे, जिसके चलते मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांगी थी।

    291 किलोमीटर लंबा सफर

    पानीपत-जालंधर सिक्सलेन प्रोजेक्ट में ही करनाल, शंभू और लाडोवाल में टोल लगाने पर अनुमति दी गई थी। शंभू के टोल को शिफ्ट करके अंबाला के घग्गर नदी के पास कर दिया गया था।

    पहले यह जिम्मेदारी सोमा आइसोलेक्स कंपनी के पास थी, लेकिन बाद में अब किसी अन्य कंपनी को इसका टेंडर दे दिया गया है। हर साल इन तीन टोल प्लाजा पर करीब 600 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी।

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