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    अहमदाबाद में आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार, तीन संदिग्धों की तलाश में पुलिस

    Updated: Tue, 24 Dec 2024 08:30 PM (IST)

    अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सैकड़ों सीसीटीव खंगालने के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं इस घटना के बाद अभी तीन आरोपियों की तलाश की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को घटना वाले इलाके की दुकानों को बंद करने के लिए मजबूर भी किया।

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    अहमदाबाद में आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार (फोटो- जागरण)

    पीटीआई, अहमदाबाद। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को शहर के खोखरा इलाके में डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया। सोमवार सुबह घटना सामने आने के बाद दलित समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को इलाके की दुकानों को बंद कराया।

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    इस घटना के बाद सोमवार सुबह दलित समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को घटना वाले इलाके की दुकानों को बंद करने के लिए मजबूर भी किया।

    अधिकारियों ने क्या कहा?

    इस घटना को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने करीब 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने और अपने मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पांच संदिग्धों में से दो मेहुल ठाकोर और भोलो ठाकोर को गिरफ्तार किया। संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि ठाकोर एक हिस्ट्रीशीटर है। इसके खिलाफ 2020 में निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था। उसने प्रतिमा तोड़ने की बात कुबूल की है। उन्होंने बताया कि तीन अन्य संदिग्ध फरार हैं।

    तीन अन्य आरोपी फरार

    वहीं, पुलिस अधिकारी ने कहा कि ठाकोर और दलित समुदाय इस इलाके में एक-दूसरे के बगल में रहते हैं, जहां झड़पों का इतिहास रहा है। वर्तमान मामले में वांछित जयेश ठाकोर पर 2018 में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद दंगा फैलाने का मामला दर्ज किया गया था।

    संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल का कहना है कि आरोपी रात में इलाके में घूम रहे थे और उन्होंने मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का फैसला किया। उनमें से एक ने पत्थर उठाया और उसे तोड़ना शुरू कर दिया। सभी पांचों एक चाय की दुकान पर मिले और अपराध करने का फैसला किया।

    पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 298 (पूजा स्थल को अपवित्र करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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