'कमजोर और वंचित वर्ग को मिले न्याय', NFSU के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्रोपदी मु्र्मू; छात्रों से की ये अपील
नेशनल फोरेसिंक साइंस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश में न्याय आधारित सामाजिक व्यवस्था सर्वोत्तम मानी जाती है। विरासत और विकास को मिलाकर हम न्याय पर आधारित विकसित भारत का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से गुड गवर्नेंस में योगदान देने की अपील की है। राष्ट्रपति ने कहा कि फोरेंसिक एक्सपर्ट की मांग बढ़ रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल फोरेसिंक साइंस यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह 28 फरवरी को आयोजित हुआ। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी न्याय प्रणाली को तभी मजबूत माना जाएगा, जब वह वास्तव में समावेशी हो।
कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी शामिल हुए। इस दौरान 1562 छात्रों को डिग्री दी गई। विश्वविद्यालय के कुलपति जेएम व्यास ने कहा कि 9 कैंपस स्थापित किए जाने की योजना है।
सुशासन में योगदान देने का आग्रह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों से कहा कि उनका लक्ष्य समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर और वंचित वर्गों को फोरेंसिक साक्ष्य के आधार पर निष्पक्ष और त्वरित न्याय प्रदान करना होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से देश के सुशासन में योगदान देने का आग्रह किया।
(फोटो: जेएनएन)
राष्ट्रपति ने तीन नये क्रिमिनल लॉ का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें अपराध की जांच और एविडेंस से जुड़े बदलाव किये गये हैं। ऐसे मामलों में जहां सजा की अवधि सात साल या उससे अधिक है, अब फोरेंसिक एक्सपर्ट के लिए क्राइम सीन पर जाकर जांच करना अनिवार्य हो गया है।
टेक्नोलॉजी में बदलाव का किया जिक्र
- द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव के कारण, विशेषकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में, फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की क्षमताएं बढ़ रही हैं, लेकिन साथ ही अपराधी भी नए तरीके खोज रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि हमारी पुलिसिंग, प्रोसिक्यूशन और क्रिमिनल जस्टिस डिलीवरी सिस्टम से जुड़े लोग अपराधियों से अधिक होशियार, अधिक तत्पर और सतर्क होकर ही अपराध को नियंत्रित करने और न्याय को सुलभ बनाने में सफल हो सकते हैं।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की सराहना
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने एनएफएसयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय की स्थापना जिस उद्देश्य को ध्यान में रखकर की गई थी, आज वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने की सराहना की। यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जेएम व्यास ने कहा कि शुरुआत में केवल 73 स्टूडेंट्स को 5 कोर्स ऑफर किए जा रहे थे, लेकिन अब विश्वविद्यालय में 7500 छात्र 72 प्रोग्राम का हिस्सा हैं।
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