PM-KISAN Samman Nidhi: पीएम किसान की 19वीं किस्त जारी, इस राज्य के किसानों को मिला सबसे अधिक लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर से किसान सम्मन निधि की 19वीं किस्त जारी की। पीएम मोदी विजन विकसित भारत 2047 को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पीएम किसान योजना का सबसे अधिक लाभ गुजरात के किसानों को मिला है। योजना के शुभारंभ के बाद से 66.65 लाख किसानों को 18813.71 करोड़ रुपये का सुचारू वितरण सुनिश्चित किया है।

एएनआई, गांधीनगर। पीएम मोदी विजन विकसित भारत 2047 को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इस विजन में उल्लेखनीय उपलब्धियों के माध्यम से गुजरात सबसे आगे है। इस बीच सरकार के बयान के अनुसार, कृषि को देश की रीढ़ के रूप में मान्यता दी गई है। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से किसान सम्मान की 19वीं किस्त को जारी किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को सशक्त बनाने के साथ ग्रामीण विकास को और बढ़ाने के लिए 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' (पीएम-किसान) की शुरुआत की। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व में, गुजरात ने पीएम-किसान को प्रभावी ढंग से लागू किया। इस योजना से गुजरात ले लाखों किसानों को सीधा फायदा हुआ है।
गुजरात में कब से शुरू हुई योजना
गुजरात की पटेल सरकार ने फरवरी 2019 में राज्य में पीएम किसान योजना के शुभारंभ के बाद से 66.65 लाख किसानों को 18,813.71 करोड़ रुपये का सुचारू वितरण सुनिश्चित किया है। एक बयान के अनुसार जनवरी 2025 तक 18 किस्तों में धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। इस योजना में तेजी दिखाते हुए राज्य ने योजना के शुरू होने के सिर्फ 24 दिनों के भीतर 28 लाख किसानों को सफलतापूर्वक पंजीकृत किया था।
PM Kisan योजना क्या है?
- बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य भूमिधारक किसान परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये मिलते हैं, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए जाते हैं।
- योजना के अनुसार, एक किसान परिवार में पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। लाभार्थियों की पहचान संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा योजना के दिशानिर्देशों के तहत की जाती है, जिससे लक्षित और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित होता है।
- लाभ के वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, गुजरात सरकार ने एक बहुस्तरीय सत्यापन प्रणाली लागू की है। 12वीं किस्त से किसानों को लाभ प्राप्त करने के लिए भूमि सीडिंग अनिवार्य कर दी गई।
- 13वीं किस्त से, आधार लिंकिंग और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सक्रियण अनिवार्य हो गया। 15वीं किस्त तक, सुरक्षा उपायों को और बढ़ाने के लिए ई-केवाईसी शुरू की गई।
- इसके अतिरिक्त, ग्राम-स्तरीय नोडल अधिकारी 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत लाभार्थियों की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए उनका भौतिक सत्यापन करते हैं। जिन मामलों में अपात्र व्यक्तियों को लाभ मिला है, सरकार सक्रिय रूप से धनराशि वापस ले रही है।
- किसान भूमि स्वामित्व दस्तावेजों और आधार विवरण का उपयोग करके पीएम-किसान पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सीएम डैशबोर्ड के तहत जन संवाद कार्यक्रम प्रत्यक्ष लाभार्थी प्रतिक्रिया की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वास्तविक समय की निगरानी और कार्यान्वयन में पारदर्शिता मजबूत होती है।
किसानों के खातों में सीधे जाते हैं पैसे
गुजरात सरकार ने पीएम किसान की 13वीं किस्त के बाद प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से आधार से जुड़े बैंक खातों में निर्बाध रूप से स्थानांतरित किया गया है। लाभार्थी पीएम-किसान पोर्टल पर अपने भुगतान की स्थिति को सत्यापित कर सकते हैं, जो जमा किए गए बैंक का नाम, खाता संख्या, लेन-देन की तारीख और यूटीआर नंबर जैसे विवरण प्रदर्शित करता है।
किसानों को मजबूत बनाने में लगी सरकार
एक बयान में कहा गया कि गुजरात किसानों के कल्याण और पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पीएम-किसान का निर्बाध कार्यान्वयन सुनिश्चित होता है। यह भी बताया गया कि किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करके राज्य अपने कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और सतत विकास को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।
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