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    मोरबी हादसे के लिए ओरेवा कंपनी के मालिक को बताया गया जिम्मेदार, एसआइटी ने धारा-302 लगाने की सिफारिश की

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 09:59 PM (IST)

    एसआइटी ने हाई कोर्ट को बताया कि सौ साल से भी अधिक पुराने अंग्रेजों के जमाने में बने इस पुल को रंग रोगन कर मामूली रिपेयरिंग के साथ सैलानियों के लिए खोल दिया गया। नगरपालिका के चीफ ऑफिसर एवं अन्य अधिकारियों की लापरवाही का भी रिपोर्ट में उल्लेख है। एसआइटी ने पुल टूटने के लिए ओरेवा कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल एवं उसके दो प्रबंधकों को जिम्मेदार बताया है।

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    नगरपालिका के चीफ ऑफिसर एवं अन्य अधिकारियों की लापरवाही का भी रिपोर्ट में उल्लेख।

    राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी में झूलता पुल हादसे की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने हाई कोर्ट में अपनी पांच हजार पेज की रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें हादसे के लिए ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल और इसके दो प्रबंधकों को जिम्मेदार बताया गया है। एसआइटी ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा- 302 लगाने की सिफारिश की है।

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    अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप

    गुजरात हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल एवं न्यायाधीश अनिरुद्ध मेई की खंडपीठ के समक्ष एसआइटी ने मंगलवार को मोरबी झूलता पुल हादसे को लेकर तैयार पांच हजार पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की। एसआइटी ने पुल टूटने के लिए ओरेवा कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल एवं उसके दो प्रबंधक दिनेश दवे, दीपक पारेख को जिम्मेदार बताया है। दीपावली के बाद इस मामले की सुनवाई होगी।

    पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि पुल को खोले जाने से पहले इसकी सुरक्षा जांच नहीं हुई। इसकी फिटनेस रिपोर्ट तैयार नहीं की गई। टिकट बिक्री को लेकर भी कंपनी ने कोई नियम नहीं बनाया। हादसे के समय पुल पर इसकी क्षमता से अधिक सैलानी होने का दावा किया गया था, जिसकी पुष्टि इस रिपोर्ट से होती है।

    एसआइटी ने हाई कोर्ट को बताया कि सौ साल से भी अधिक पुराने अंग्रेजों के जमाने में बने इस पुल को रंग रोगन कर मामूली रिपेयरिंग के साथ सैलानियों के लिए खोल दिया गया। नगरपालिका के चीफ ऑफिसर एवं अन्य अधिकारियों की लापरवाही का भी रिपोर्ट में उल्लेख है।

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    इन्हें भी इसमें आरोपित बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि 30 अक्टूबर 2022 को मोरबी में झूलता पुल गिरने से 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 21 बच्चे भी शामिल थे। छठ पूजा के चलते पुल पर भारी भीड़ जमा होने के कारण तार टूट गया और झूलता पुल नदी में गिर गया। हादसे के वक्त पुल पर 500 से अधिक लोग मौजूद थे।

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