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Ahmedabad: पाक से आए 108 लोगों को मिली नागरिकता, हर्ष संघवी ने कहा- 'मुस्‍कुराईए आप अब भारत के नागरिक हैं'

केंद्र सरकार के एक कानून ने पाक से आए हिंदू परिवारों के जीवन में बडा बदलाव कर दिया। पाकिस्‍तान के कराची सिंध थारपारकर आदि इलाकों से आकर अहमदाबाद में बसे सैकडों परिवार भारत की नागरिकता पाने के इंतजार में थे। जिन्हें अब भारत की नागरिकता मिल गई है। इस मौके पर गुजरात के गृह राज्‍यमंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि मुस्‍कुराईए आप अब भारत के नागरिक हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 12 Sep 2023 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 12 Sep 2023 06:05 PM (IST)
हिंदुओं को पाकिस्‍तान में त्‍योंहार मनाने में भी लगता है डर

अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। मुस्‍कुराईए आप अब भारत के नागरिक हैं, अब एक ऐसे देश के नागरिक हो गये हैं जहां सूरज की पहली किरण नई आशाएं लेकर आऐगी। पाकिस्‍तान में हर सुबह, हर दिन आशंकाओं में बीतता था, आईए अब हम सब मिलकर भविष्‍य के भारत के लिए काम करते हैं। पाकिस्‍तान से आए हिंदू परिवारों को नागरिकता का प्रमाण पत्र देते हुए गुजरात के गृह राज्‍यमंत्री हर्ष संघवी ने यह बात कही।

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आश्रम रोड अहमदाबाद स्थित एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में हर्ष संघवी ने पाकिस्‍तान से निर्वासित होकर अहमदाबाद पहुंचे 108 महिला- पुरुष व युवाओं को मंगलवार को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपने के बाद उनको आधुनिक भारत के निर्माण में सहभागी होने की अपील की। संघवी ने कहा पहले नागरिकता के लिए दिल्‍ली के चक्‍कर लगाने पडते थे लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही अहमदाबाद में ही यह औपचारिकता पूरी होने लगी।

केंद्र सरकार के एक कानून ने पाक से आए हिंदू परिवारों के जीवन में बडा बदलाव कर दिया। पाकिस्‍तान के कराची, सिंध, थारपारकर आदि इलाकों से आकर अहमदाबाद में बसे सैकडों परिवार भारत की नागरिकता पाने के इंतजार में थे।

पाक निर्वासितों को मिला तीसरा जन्‍म

संघवी ने कहा कि भारत की नागरिकता पाने वाले परिवारों में दिपावली जैसी खुशियां है, पाक से निर्वासित होकर गुजरात आने वाले ऐसे परिवार के लोगों का यह तीसरा जन्‍मदिन है। पहला जन्म पाकिसतान में हुआ, भारत आए तो वह भी दूसरे जन्‍म जैसा था आज यहां की नागरिकता पाकर सदा के लिए भारतीय होना इनके लिए नय जन्म जैसा है।

सांसद डॉ किरीट सोलंकी ने बताया पहले पाक से आए डॉक्‍टर को भारत में प्रेक्टिस की इजाजत नहीं थी इसलिए एक डॉ को गांधीनगर में जूते की दुकान पर नौकरी करनी पडी लेकिन केंद्र ने अब पाक से एमबीबीएस करके आने वालों को यहां प्रेक्टिस की मंजूरी दे दी है।

1149 लोगों को भारत की नागरिकता: कुकराणी

अहमदाबाद से भाजपा विधायक पायल कुकराणी ने बताया कि सरदारनगर, ईसनपुर, चांदखेडा आदि इलाकों में रह रहे 108 लोगों समेत गुजरात में 5 साल में 1149 लोगों को भारत की नागरिकता दी जा चुकी है। पाक निर्वासित डॉ गणेश कुमार बताते हैं कि पाक में बसे हिंदू परिवार बच्चियों के अपहरण, कट्टरपंथियों की फिरौती, धार्मिक भेदभाव से तंग आ चुके हैं। उनके समक्ष भारत में आकर सम्‍मान पूर्वक जिंदगी बिताने के अलावा दूसरा कोई विकल्‍प नहीं है।

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डॉ अशोक शेखानी बताते हैं कि पाक में जीवन की सुरक्षा नहीं है, एक हिंदू के रूप में हमेशा डर डर कर रहना पडता था। खुद को प्रताडित महसूस करते हुए जीना मुश्किल हो गया था। शिक्षा , नौकरी, घुमने फिरने की आजादी थी लेकिन बंदिशें ऐसी थी कि अपने त्‍योंहार भी खुलकर नहीं मना पाते थे।

भारत मेरे लिए स्‍वर्ग जैसा

65 साल की कौशल्‍या बताती हैं कि दिल झूम उठा है आज, भारत की नागरिकता मिल गई मानो मुझे नई जिंदगी मिल गई। जीवन के 50 साल पाकिस्‍तान में डर और प्रताडित होते बीते लेकिन आज तो मन खुशी से झूम रहा है। उसी देश की नागरिक बन गई हूं जिस देश की माटी में हमारे पुरखे जन्‍मे थे।

72 वर्ष की खेमी देवी बताती हैं कि मुझे व परिवार को भारत की नागरिकता मिल गई, मेरा पूरा परिवार यहीं है और अब यहां स्‍वर्ग जैसा लगता है। उनके साथ आईं जनता माहेश्‍वरी व डॉ रीटा बताती हैं कि पाकिसतान में रहकर वे होली व दीपावली को ही जानती थी लेकिन यहां आने के बाद पता चला हिंदु संस्‍क्रति में हर माह तीज, त्‍योंहार मनाते हैं। कभी रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्री, रामनवमी तो कभी जन्‍माष्‍टी।

सीमा व सचिन जैसी गुजराती कहानी

पाकिस्‍तान के कराची से अहमदाबाद आई कोमल की स्‍कूल में हितेश से दोस्‍ती हो गई। हितेश अहमदाबाद से ही हैं और अपना खुद का कारोबार करते हैं। कोमल से दोस्‍ती हुई प्‍यार हुआ तो शादी कर ली।

इन दोनों को एक बेटी भी हो गई लेकिन कोमल को अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली थी वह विजीटर वीजा पर रह रही थी। मंगलवार को उन्हें भी नागरिकता प्रमाण पत्र मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

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