गुजरात पुलिस ने किया 804 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश, 1,549 साइबर अपराधों दिया अंजाम
गुजरात पुलिस ने 804 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और सूरत से 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह दुबई वियतनाम और कंबोडिया से संचालित हो रहा था जो लोगों को उच्च कमीशन का लालच देकर बैंक खाते और सिम कार्ड प्राप्त करता था और साइबर धोखाधड़ी करता था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात पुलिस ने लोगों से 804 करोड़ रुपये की ठगने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सूरत से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह दुबई, वियतनाम और कंबोडिया से संचालित किया जा रहा था।
इसने पूरे भारत के लोगों को निशाना बनाया। यह गिरोह आम नागरिकों को 1.5 से लेकर दो प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उनके बैंक खाते और सिम कार्ड हासिल कर लेता था। इसका दुरुपयोग साइबर धोखाधड़ी के लिए करता था। इस गिरोह ने देशभर में 1,549 साइबर अपराध किए। इस गिरोह ने नागरिकों से लगभग 804 करोड़ रुपये की ठगी की है। गिरोह के सदस्यों ने गुजरात में 141 डिजिटल धोखाधड़ी से 17.75 करोड़ रुपये कमाए।
गुजरात पुलिस ने चलाया था अभियान
इसके विरुद्ध गुजरात पुलिस ने एक अभियान चलाया था। इसी के तहत सूरत से 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास से 65 मोबाइल फोन, 447 डेबिट कार्ड, 529 बैंक अकाउंट किट, 686 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।
धोखाधड़ी के शिकार लोगों के लौटाए गए पैसे
साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को 5.51 करोड़ रुपये लौटाए। इनमें से वडोदरा के एक वरिष्ठ नागरिक को प्रतिष्ठित बीमा कंपनियों के नाम पर भारी मुनाफे का वादा किया गया था। पीड़ित को अपने 4.91 करोड़ रुपये वापस मिल गए।
अहमदाबाद की एक वरिष्ठ नागरिक को ड्रग्स मामले में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट किया गया। पुलिस ने इस मामले में साइबर ठगों से 48 लाख रुपये जब्त किए और इसे वरिष्ठ नागरिक को वापस कर दिए। सांघवी ने लोगों से सावधानी बरतने के साथ ही धोखाधड़ी का शिकार होने के पहले घंटे यानी गोल्डन आवर में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर काल करने की अपील की।
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