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    Gujarat High Court: तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात हाईकोर्ट से झटका, तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 02:14 PM (IST)

    गुजरात हाई कोर्ट ने शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही हाई कोर्ट ने उन्हें 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने से संबंधित मामले में तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

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    तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात हाई कोर्ट से झटका।

    अहमदाबाद, पीटीआई। गुजरात हाई कोर्ट ने शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी।

    इसके साथ ही हाई कोर्ट ने उन्हें 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने से संबंधित मामले में तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने सरेंडर करने का दिया निर्देश

    जस्टिस निर्जर देसाई की पीठ ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस देसाई ने उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि तीस्ता सीतलवाड़ अंतरिम जमानत हासिल करने के बाद जेल से बाहर हैं।

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    अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आवेदक सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत पर बाहर है, इसलिए उसे तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है।

    क्या है मामला?

    बता दें कि सीतलवाड़ और सह-अभियुक्त और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को पिछले साल 25 जून को गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद एक अदालत ने उनकी पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद 2 जुलाई को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

    क्या थी एसआईटी की रिपोर्ट?

    जानकारी के अनुसार, तीस्ता सीतलवाड़ सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सितंबर 2022 में जेल से बाहर आईं। पिछले साल एसआईटी ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में फर्जी दस्तावेज बनाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक पारी खत्म करने और उन्हें फांसी तक की सजा दिलाना चाहती थीं।